पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोपी नक्सली नेता गिरफ्तार, 20 साल से खुद को मरा बताकर 26 साल से था फरार

क्राइम
अनुज मिश्रा
अनुज मिश्रा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Apr 09, 2022 | 20:49 IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 60 साल के एक ऐसे नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है। 20 साल से खुद को मरा बताकर 26 साल से फरार था। दिल्ली पुलिस ने पुल प्रह्लादपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

Naxalite leader accused of killing a police officer arrested, was absconding for 26 years after claiming himself to be dead for 20 years
पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोपी गिरफ्तार 

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 60 साल के एक ऐसे शातिर नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है जिसने 26 साल पहले बिहार में एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी, इसके बाद 2002 में एक ट्रेन दुर्घटना में उसने खुद को मरा घोषित करवा दिया ,उसने बाकायदा अपना नकली अंतिम संस्कार भी करवाया जिसके बाद बिहार पुलिस ने उसकी तलाश भी बंद कर दी लेकिन असल में वो नाम और पहचान बदलकर फरीदाबाद में रह रहा था उसे दिल्ली पुलिस ने पुल प्रह्लादपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के एएसआई पवन को एक सूचना मिली कि किसुन पंडित नाम का शख्स जो कि 1990 के बिहार के एक नक्सली ग्रुप आईपीएफ माले का नेता है और पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोपी है फर्जी पहचान के साथ फरीदाबाद में राह रहा है। जिसके बाद उसकी पहचान को पुख्ता करने के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम को बिहार भेजा गया।

पुलिस और कोर्ट के रिकॉर्ड को खंगालने से पता चला कि 23 नवम्बर 1996 को  थाना  पुन पुन जिला पटना की एक पुलिस पार्टी ने एक गोली की आवाज सुनी और परिणामस्वरूप एक देवेंद्र सिंह का एक शव मिला, जो आईपीएफ माले (एक नक्सली संगठन) का जिला प्रमुख था। इस बाबत पुलिस की टीम अभी कानूनी कार्यवाही कर ही रही थी कि इस बीच, नक्सली संगठन के सेकेंड इन कमांड  किशुन पंडित उर्फ   नेताजी  अपने लगभग 2000 अनुयायियों के साथ लाठी और अन्य हथियारों से लैस होकर वहां आए।

किशुन पंडित संगठन का नेतृत्व कर रहा था और उसने पुलिस दल पर हमला किया, और एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी और अन्य 3 पुलिस अधिकारियों को बेरहमी से घायल कर दिया। उसने और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारियों से एक राइफल और 40 राउंड गोलियां भी छीन लिए। रिपोर्ट के अनुसार हमलावर अपने नेता देवेंद्र सिंह के शव को भी अपने साथ ले गए। इस वारदात के बाद से ही किशुन पंडित फरार चल रहा था।

जिसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम भी घोसित किये गए। लेकिन उसे गिरफ्तार नही किया जा सका। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि 8 अप्रैल को किशुन पंडित पुल प्रहलाद पुर इलाके के cng पम्प के पास आ रहा है जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल किशुन पंडित अपनी पहचान बदल कर  फरीदाबाद में सुलेन्द्र पंडित के नाम से रह रहा था। शुरुआत में उन्होंने खुद को किशन पंडित के बजाय लक्ष्मी पंडित बताया और कहा कि वो सूरजकुंड में रहता है लेकिन उसके घर से बिहार का एक भूमि रिकॉर्ड बरामद किया गया था।  जिसमें किशुन पंडित लिखा हुआ था,साथ ही उनकी पत्नी का एक आधार कार्ड भी बरामद किया गया जिसमें उनका नाम किशुन पंडित था।

पूछताछ में पता चला कि 1990 में बिहार में नक्सली संगठन आईपीएफ माले को बनाया गया। देवेंद्र सिंह पटना क्षेत्र में संगठन के जिला प्रमुख था और किशुन पंडित पटना जिले का सेकेंड इन कमांड था। किशुन पंडित को नेताजी के नाम से जाना जाता था। 
किशुन पंडित पहले भी अपहरण के एक मामले में शामिल था। 1994 की इस वारदात में किशुन पंडित को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर वो रिहा हुआ। अपहरण के मामले के बाद भी उसने अपने संगठन के लिए सक्रिय रूप से काम करना जारी रखा।

साल 1996 में अज्ञात हमलावरों द्वारा देवेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी और पुलिस पार्टी कानूनी कार्यवाही के लिए उनके शव को ले जा रही थी, इस पर किशुन पंडित ने अपने सहयोगियों के साथ पुलिस पार्टी पर हमला किया जिसमे एक पुलिस अधिकारी की हत्या हुई। वारदात  के बाद पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारिया की लेकिन   किशुन सहित 4 फरार हो गए।,गिरफ्तारी से बचने के लिए किशुन पंडित फरार होकर फरीदाबाद पहुंच गया और अपनी पहचान बदलकर सुलेन्दर पंडित कर लिया और तब से वहां रह रहा था। 

साल 2002 में अदालत के आदेश से बिहार में उसके घर को जब्त कर लिया गया था। इसी दौरान दिल्ली से पटना जाते समय श्रम जीव एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए। किशुन पंडित ने घटना का फायदा उठाया और बिहार में अपने परिवार के सदस्यों को ग्रामीणों को यह बताने का निर्देश दिया कि किशुन पंडित की भी ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

उसके परिवार के सदस्यों ने भी गांव में उसका अंतिम संस्कार किया। इस खबर के बाद पुलिस ने किशुन पंडित की तलाश बंद कर दी। फिलहाल आरोपी किशुन पंडित को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है

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