मुंबई. निर्भया के दरिंदों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेट वॉरेंट के मुताबिक निर्भया के चारों गुनहगार पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को तीन मार्च 2020 को सुबह छह बजे फांसी लगा दी जाएगी। 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में निभर्या के साथ गैंगरेप ने देश को झकझोर दिया था। निर्भया के दरिंदों की तरह ही आज बस का भी बुरा हाल है।
निर्भया के साथ जिस बस में गैंगरेप हुआ उसका नंबर था- DL 1PC 0149. इस बस के मालिक दिनेश यादव थे। 16 दिसंबर की रात के बाद ये बस कभी सड़कों पर नहीं दौड़ी थी। पुलिस ने अगले दिन यानी 17 दिसंबर 2012 को दिल स्थित संत रविदास कैंप से बरामद किया था।
निर्भया केस का मुख्य आरोपी राम सिंह को भी पुलिस ने इसी बस से गिरफ्तार किया था। वहीं,फॉरेंसिक टीम ने निर्भया के बाल, उसके शरीर के मांस के कुछ टुकड़े और खून के नमूने बरामद किए थे। इसके अलावा जिस रॉड से निर्भया के साथ बर्बरता हुई वो भी इसी बस में बरामद हुई थी।
इतने किलोमीटर चली थी ये बस
बस के ओडोमीटर के मुताबिक दो लाख 26 हजार किलोमीटर तक चली है। पुलिस ने इस बस को साकेत कोर्ट के कैंपस के पास सुरक्षित रखा था। हालांकि, निर्भया के साथ हुई दरिंदगी के बाद उपजे जनाक्रोश को देखते हुए इस बस को त्यागराज स्टेडियम में रखा गया था।
पुलिस ने बड़ी चालाकी से कई बसों के बीच में लाकर खड़ा कर दिया। यही नहीं, बस की सुरक्षा के लिए पुलिस सादी वर्दी में इसकी सुरक्षा करती थी। ये बस रोजाना सात बजे स्कूल के बच्चों को स्कूल छोड़ती थी। इसके अलावा ये बस एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों को छोड़ती थी।
सागरपुर में है ये बस
निर्भया के दोषियों की ये बस आज दिल्ली के सागरपुर इलाके में कंडम हालत में खड़ी है। साल 2013 में इस बस के मालिक ने के परिवार के लोगों ने बस वापस देने की गुहार लगाई थी। वहीं, बस के मालिक को पंजीकरण प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज सौंपने के आरोप में जेल में बंद किया था।
आपको बता दें कि निर्भया के दोषी मुकेश, अक्षय और विनय की सभी लाइफलाइन खत्म हो है। विनय शर्मा ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी कि वह मानसिक रूप से बीमार है। हालांकि, कोर्ट ने इसे खारिज कर दी है।