पटना: बिहार की एक महिला से दिल्ली में तीन तलाक (Triple Talaq Case) का मामला सामने आया है। नूरी फातमा नाम की एक महिला ने दावा किया कि उसके पति ने उसे तुरंत 'तीन तलाक' इसलिए दे दिया क्योंकि उसने "मॉर्डन" महिला बनने और शराब पीने तथा छोटे कपड़े पहनने से इनकार कर दिया था। फातमा का दावा है कि उसका पति तीन तलाक देने के बाद से फरार है जबकि वह अपनी पति के साथ रहना चाहती है।
नूरी फ़ातमा बताया 'मैंने 2015 में इमरान मुस्तफ़ा से शादी की और हमारी शादी के कुछ दिनों बाद हम दिल्ली चले गए। कुछ महीने बाद, उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे शहर की हर दूसरी आधुनिक लड़की की तरह रहना होगा जो छोटे कपड़े पहनती हैं और नाइट पार्टियों को इंज्वॉय करती हैं। जब मैने ऐसा करने से इनकार किया तो मुझे हर दिन मारा गया।'
फातमा ने पति के जुल्मों की दास्ता सुनाते हुए कहा, 'शादी तक सब सही था लेकिन दिल्ली आने के बाद चीजें बदल गई। उनके हिसाब से मुझे शॉर्ट ड्रैस और जींस पहननी थी, लेकिन मैं एक मुस्लिम परिवार से थी तो मैं नकाब पहनती थी। लेकिन वो चाहते थे कि नकाब ना पहनूं, शॉर्ट्स पहनूं। उनके कहने पर नकाब उतार दिया। लेकिन नाइट पार्टी करना, स्मोक करना, शार्ट्स पहनना मेरे कल्चर के खिलाफ था। वो बहुत ज्यादा मारते थे। शादी के दो महीने तक सब कुछ ठीक था। उनको इंग्लिस स्पीकिंग चाहिए थी और मुझे ताने दिए जाते थे।
फातमा ने बताया, 'मुझे बहुत बुरी तरह मारा गया जो सारे पड़ोसियों को पता था। मैं जॉब करती थी और मेरी सैलरी भी ले लेते थे। जब मैं गर्भवती थी तो वो मुझे घसीटते हुए मारते थे। कई सालों तक यातनाएं देने के बाद, कुछ दिन पहले उन्होंने मुझे अपना घर छोड़ने के लिए कहा और जब मैंने इनकार कर दिया, तो उन्होंने मुझे एक सितंबर को तीन तलाक दे दिया।'
पीड़िता ने इस संबंध में राज्य महिला आयोग से भी संपर्क किया, जिसने उसके पति को नोटिस भेजा है। बिहार राज्य महिला आयोग की अयध्य दिलमणि मिश्रा ने बताया, 'पति उसे अक्सर प्रताड़ित करता था और दो बार उसने जबरदस्ती फातमा के बच्चे का गर्भपात करवाया। हमने इस मामले का संज्ञान लिया है। 1 सितंबर को, उसके पति ने उसे तीन तलाक दिया। हमने मामले में उसके पति को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा है।'
आपको बता दें कि 1 अगस्त को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 पर हस्ताक्षर किए थे जिसे तीन तलाक विधेयक के रूप में जाना जाता है। तीन तलाक एक अपराध है और इसमें पति को तीन साल की जेल की सजा तक का प्रावधान है।