पुणे: महाराष्ट्र के सांगली जिले में दो भाइयों के परिवार के नौ सदस्यों की मौत (Sangli Mass Suicide) के मामले में जांच में उजागर हुआ है कि उन्हें एक तांत्रिक (Tantrik) और उसके ड्राइवर ने कथित तौर पर जहर देकर मार डाला। पुलिस ने सोमवार को बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पहले इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा था। परिवार के सदस्यों के शव 20 जून को म्हैसल गांव में एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित दोनों भाइयों के घरों में मिले, इनमें एक शिक्षक और दूसरा पशु चिकित्सक था।
शुरुआती जांच में इसे कर्ज में डूबे होने की वजह से आत्महत्या किये जाने का माना जा रहा था। पुलिस महानिरीक्षक (कोल्हापुर रेंज) मनोज कुमार लोहिया ने कहा, 'हमने एक तांत्रिक और उसके चालक को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि दोनों ने कथित तौर पर परिवार के नौ सदस्यों को जहर देकर उनकी जान ली।' एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
गौर हो कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के महिसल में 20 जून को एक ही परिवार के 9 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या (Mass Suicide) कर ली थी, परिवार के सभी लोगों ने जहर खाकर अपनी जिंदगी समाप्त कर दी। घर में छह शव घर में मिले हैं जबकि तीन शव दूसरे घर से मिले थे, पुलिस ने संदेह व्यक्त किया है कि कर्ज के चलते परिवार ने सामूहिक आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वालों में पोपट यल्लप्पा वनमोर (उम्र 52), संगीता पोपट वनमोर (48), अर्चना पोपट वनमोर (30), शुभम पोपट वनमोर (28), माणिक यल्लप्पा वनमोर (49), रेखा माणिक वनमोर (45), आदित्य माणिक वन (15), अनीता माणिक वनमोर (28) और अक्कताई वनमोर (72) शामिल हैं।
महाराष्ट्र के सांगली में एक ही परिवार के नौ लोगों के कथित सुसाइड केस ने सभी को चौंका दिया था, बताया जा रहा था कि परिवार ने सूदखोरों से ब्याज पर कर्ज लिया था। कर्ज न लौटाने पर सूदखोरों की ओर से कथित रूप से परेशान एवं अपमानित किए जाने पर परिवार ने खुदकुशी कर ली। हालांकि, इस सुसाइड के पीछे लोग एक अलग थ्योरी की चर्चा कर रहे हैं। इस सुसाइड मामले को चावल खींचने वाली एक जादुई धातु 'राइस पुलर मैजिक मेटल' से भी जोड़कर देखा जा रहा है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस 'मैजिक मेटल' को खरीदने के लिए परिवार ने सूदखोरों से भारी कर्ज लिया था।
इस सुसाइड केस में 'मैजिक मेटल' कनेक्शन की जांच सांगली पुलिस कर रही थी। ऐसा नहीं है 'मैजिक मेटल' के नाम पर लोगों को ठगने का यह पहला केस है। पिछले कुछ वर्षों में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में 'मैजिक मेटल' के नाम पर लोगों को ठगने एवं लूटने के कई केस सामने आ चुके हैं। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली के आसपास 'मैजिक मेटल' बेचने के नाम पर कई गिरोह सक्रिय हैं। लोगों को 'मैजिक मेटल' बेचने के नाम पर छोटे-बड़े किसानों एवं बड़े कारोबारियों को लाखों-करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक गत मार्च में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने अनाज खींचने वाले एक रेडियोएक्टिव बार बेचने के नाम पर एक कारोबारी से धोखाधड़ी करने के आरोप में महाराष्ट्र के एक ठग एवं उसके गाजियाबाद के एक साथी को गिरफ्तार किया। इन दोनों ने मशीन के नाम पर कारोबारी से 8.93 करोड़ रुपयों की ठगी की थी। पीड़ित कारोबारी ने बताया कि ठगों ने उससे कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस 'मेटल मशीन' के एक इंच की कीमत 11 करोड़ रुपए होगी। कारोबारी से पैसे वसूलने के बाद यह गिरोह अंडरग्राउंड हो गया।
फरवरी 2021 में भी 'मैजिक मेटल' के नाम पर एक कारोबारी को ठगने का मामला सामने आया। ठगों ने कारोबारी को लालच दिया कि उनके पास एक 'दुर्लभ धातु' है जो हजारों करोड़ रुपए में बिकेगी। फिर ठगों ने कारोबारी से 11 लाख रुपए ठग लिए। साल 2018 में इसी तरह के मामलों में क्राइम ब्रांच ने कारोबारियों से धोखाधड़ी कर उन्हें लूटने वाले एक पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया। ये पिता-पुत्र इतने शातिर थे कि पीड़ितों को अपना 'मैजिक मेटल' दिखाते समय एंटी-रेडिएशन सूट पहना करते थे।