नई दिल्ली: नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को प्रमोशन का इंतजार रहता है। कर्मचारी प्रमोशन पाने के कड़ी मेहनत करते हैं। किसी के नसीब में प्रमोशन होता है तो किसी के हाथ सिर्फ इंतजार आता है। हालांकि, शायद ही देखने को मिला हो कि अच्छा प्रमोशन पाने वाला कोई शख्स जानवेला कदम उठा ले। लेकिन गुजरात के राजकोट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने सबको झकझोर कर रखा दिया है। दरअसल, यहां एक सरकारी स्कूल में सीनियर टीचर को प्रमोट कर प्रिंसिपल बनाया था, जिससे वह खुश नहीं थे। उन्होंने प्रमोट होने के कुछ ही वक्त आत्महत्या कर ली।
छत से लटका हुआ मिला शव
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक की पहचान 52 वर्षीय मनसुख वशीयानी के तौर पर हुई है। मनसुख आर्थिक रूप से समृद्ध थे और प्रमोशन होने के कारण मानसिक रूप से परेशान थे। मनसुख का शव शुक्रवार को यदुनंदन पार्क स्थित उनके घर से मिला। उनका शव घर की पहली मंजिल पर कमरे की छत से लटका हुआ पाया गया। पुलिस के अनुसार, मनसुख को सरकारी स्कूल के सबसे वरिष्ठ शिक्षक होने के नाते हाल ही में प्रिंसिपल का पदभार सौंपा गया था। वह इस पद को संभालना नहीं चाहते थे।
पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला
मनसुख यह पद क्यों नहीं संभालना चाहते थे, फिलहास इसके कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि जब से उन्होंने पद संभाला वह तब से बेहद परेशान रहते थे। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब वाशीयानी की पत्नी उन्हें चाय के लिए बुलाने गईं, तो छत से लटका हुआ पाया। पुलिस ने कहा कि वाशीयानी आर्थिक रूप से समृद्ध थे और उनके पास पैतृक गांव लूनसर में कृषि भूमि भी थी। पुलिस को घर में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।