राजकोट : कड़े कानून के बावजूद महिलाओं, युवतियों और नाबलिग लड़कियों के खिलाफ हिंसा और यौन उत्पीड़न की घटना बदस्तूर जारी है। गुजरात के राजकोट की एक स्पेशल कोर्ट ने दो महीने के भीतर दो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने के जुर्म में एक व्यक्ति को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। गोंडल में स्पेशल कोर्ट के जज डी आर भट्ट ने मंगलवार को आरोपी सालिकराम मोरिया को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोपों के लिए दोषी ठहराया।
सरकारी वकील घनश्याम डोबरिया ने कहा कि 20 मई को जिले के गोंडल तालुका के सदकपिपलिया गांव में इस क्राइम की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि मोरिया ने तीन और पांच साल की लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका यौन शोषण किया था। उन्होंने कहा कि दोनों लड़कियां गांव में अपने घरों के पास अकेले खेल रही थीं। उन्होंने बताया कि जब बच्चियों के परिवार वालों को उनके कपड़ों पर खून के धब्बे मिले तो उसने सारी बातें बताईं और एफआईआर दर्ज कराई गई।
महिलाओं के खिलाफ अपराध की गोंडल शहर की जांच इकाई द्वारा जांच की गई और घटना के पांच दिनों के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। डोबरिया ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 (पेनेट्रेटिव यौन हमला) और 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।
उन्होंने कहा कि विशेष पॉक्सो अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए मौखिक और दस्तावेजी सबूतों को ध्यान में रखते हुए घटना के 45 दिनों के भीतर अपना फैसला सुनाया।