नई दिल्ली: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं के ठिकाने और नामों के बारे में बताया है। पुलिस को संदेह है कि ये आपूर्तिकर्ता वे हो सकते हैं, जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला के हत्यारे की मदद की-एक का नेतृत्व फरीदकोट निवासी रंजीत कर रहा है, दूसरा हरियाणा-राजस्थान सीमा निवासी विजय और एक अन्य राका है। संडे को बिश्नोई को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच और दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
हालांकि सूत्रों ने दावा किया है कि जांच के दौरान जिन हथियारों के सप्लायर के नाम सामने आए हैं। वे वही हो सकते हैं, जिन्होंने मूसेवाला के हत्यारे को हथियार सप्लाई किए थे।
'मुकेश उर्फ पुनीत और ओम उर्फ शक्ति और जितेंद्र गोगी गिरोह के हरविंदर को अप्रैल में हमने पकड़ा था। उन्होंने हमें बताया है कि राका ने उन्हें अवैध हथियार आपूर्ति की थी। गोगी गिरोह को संभालने वाले रोहित उर्फ मोई और दिनेश कराला ने उन्हें हथियार खरीदने में मदद की थी। हथियार के स्रोत का पता लगाने के प्रयास किए गए, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।'
पुलिस ने फिर रोहित उर्फ मोई को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जिसके बाद वह टूट गया और खुलासा किया कि उसने गिरोह के अन्य प्रमुख गुटों के साथ लॉरेंस बिश्नोई से हथियार लेकर मुकेश, शक्ति और हरविंदर को राका के जरिए हथियार मुहैया कराए थे।
एक अधिकारी ने कहा, 'बिश्नोई हथियारों के वास्तविक स्रोत को जानता है। बिश्नोई को दिल्ली, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड के इलाकों में राका का ठिकाना पता है।' अधिकारी ने कहा, 'हमने तब बिश्नोई को गिरफ्तार किया जो पहले से ही एक अन्य मामले में तिहाड़ में है। बिश्नोई ने आरोपी रोहित द्वारा दिए गए खुलासे के बयान की पुष्टि की और कहा कि उसने फरीदकोट में रहने वाले रंजीत और हरियाणा-राजस्थान सीमा पर रहने वाले विजय के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति की थी। पुलिस कर्मचारियों ने सह-आरोपियों की तलाश में पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड में कई स्थानों पर भेजा गया। बिश्नोई ने यह भी खुलासा किया कि संदिग्ध विजय जोधपुर, राजस्थान से हथियार और गोला-बारूद लाता है।'