नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर हत्या मामले में अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शनिवार को 3 आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया। वहीं शुक्रवार को सरेंडर करने वाले सरबजीत को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह हुई लखवीर सिंह की हत्या में अब तक कुल 4 निहंग सरेंडर कर चुके हैं। इनमें से सरबजीत सिंह ने हत्या के 15 घंटे बाद शुक्रवार शाम को ही सिंघु बॉर्डर पर सरेंडर कर दिया था, जबकि 3 निहंगों ने शनिवार को सर्मपण किया।
आरोपी नारायण सिंह का अमृतसर में हीरो जैसा स्वागत किया गया, नोटों की माला पहनाई गई। नारायण को लखबीर की हत्या का कोई मलाल नहीं है। अमृतसर ग्रामीण एसएसपी राकेश कौशल ने बताया कि दो निहंग शामिल थे, एक को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नारायण सिंह फरार हो गया था। अधिकारियों की एक टीम बनाई गई थी और उसके घर के चारों ओर बल तैनात किया गया था। उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की घोषणा की थी लेकिन यह बहुत संवेदनशील मामला है। हमने उसे उसके गांव के एक गुरुद्वारे के बाहर गिरफ्तार कर लिया। जब उसे लगा कि वह बच नहीं सकता, तो वह बाहर आया। उसने कबूल किया है कि उन्होंने लखबीर को मार डाला। वह कहता है कि जब उसे बताया गया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया है, तो वह क्रोधित हो गया और उसका पैर काट दिया।
बाद में सिंघु बॉर्डर से निहंग समुदाय के दो और लोगों भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने हरियाणा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार हुआ
इस बीच, पंजाब के तरन तारन जिले के गांव में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजनों की मौजूदगी में मृतक लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखबीर के अंतिम संस्कार के दौरान कोई ग्रंथी वहां अरदास के लिए मौजूद नहीं था, और न ही उसके गांव चीमा कलां से कोई अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर अवरोधकों से बंधा मिला था। उसका एक हाथ कटा हुआ था और उसके शरीर पर तेज धारदार हथियार से हमले के कई निशान मौजूद थे।