नई दिल्ली : भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत सांप के काटने से होती है। सांप के डंसने से होने वाली मौत को हादसा माना जाता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि एक बुजुर्ग महिला की हत्या करने के लिए जहरीले सांप का इस्तेमाल एक 'हथियार' के रूप में करना भयावह अपराध है। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन, जस्टिस सूर्य कांत एवं जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने राजस्थान के इस अजीबो-गरीब मामले की सुनवाई की।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला जिसका पति सैनिक है और जो बाहर तैनात रहता है, उसकी गैरहाजिरी में पत्नी अपने प्रेमी से नियमित रूप से फोन पर बात करती थी। महिला की सास इस बात का विरोध करती थी। महिला के ससुर भी काम की वजह से घर से बाहर रहते थे। अपनी सास की टोका-टाकी से परेशान होकर महिला ने अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपनी सास को ठिकाने लगाने की साजिश रची। इसके लिए उसने झुनझुनू जिले में एक सपेरे से जहरीला सांप खरीदा। सांप को खरीदने के बाद तीनों ने इसे एक झोले में रखा और फिर महिला ने इस झोले को दो जून 2018 की रात अपनी सास के बिस्तर के पास रख दिया। अगले दिन सुबह बुजुर्ग महिला अपने घर में मृत मिली। अस्पताल ने कहा कि बुजुर्ग महिला की मौत सांप के काटने से हुई है।
राजस्थान और अन्य राज्यों में सांप काटने से होने वाली मौत को सामान्य घटना के तौर पर देखा जाता है लेकिन झुनझुनू पुलिस को बुजुर्ग महिला की मौत को लेकर संदेह हुआ। बुजुर्ग महिला की मौत जिस रात हुई, उस रात उसके बेटे की पत्नी और उसके प्रेमी के बीच फोन पर 100 से ज्यादा बार बातचीत हुई। पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि महिला और उसका प्रेमी लंबे समय से लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे।
बाद में पुलिस ने महिला, उसके प्रेमी और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उस सपेरे को भी ढूंढ निकाला जिसने जहरीला सांप महिला के प्रेमी को बेचा था। सपेरे ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया। सपेरे ने कहा कि महिला के प्रेमी ने उससे जहरीला सांप खरीदा था।