नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत में मोस्ट वांटेड है जिसे पाकिस्तान ने छिपा रखा है। दाऊद के मुद्दे पर भारत में सियासत भी होती रहती है। 93 मुंबई बम धमाकों के लिए जिम्मेदार दाऊद को लाने की तमाम कोशिश की गई। लेकिन अभी तक नाकामी ही हाथ लगी है। इस बीच दाऊद के विश्वस्त सहयोगी रहे एजाज लकड़वाला ने सनसनीखेज जानकारी दी है। बता दें कि एजाज लकड़वाला की गिरफ्तारी 8 जनवरी को पटना में की गई थीष लकड़वाला के मुताबिक दाऊद का काम 1998 में ही तमाम हो सकता था। लेकिन अंतिम समय में बचकर निकल गया।
'1998 में दाऊद को मारने की थी योजना'
एजाज लकड़ावाला ने पूछताछ में बताया कि 1998 में कराची में एक दरगाह में दाऊद को मारने की योजना थी। लेकिन उसे भनक लग गई और वो खुशकिस्मत निकला। दाऊद को मारने की जिम्मेदारी छोटा राजन ने विक्की मेहरोत्रा को सौंपी थी। लेकिन नेपाली सांसद मिर्जा दिलशाद बेग के जरिए दाऊद को भनक लगी और वो दरगाह पर गया ही नहीं। दरअसल उसकी बेटी मारिया की मौत हो गई थी और उस संबंध में वो दरगाह जाने वाला था।
एजाज लकड़ावाला ने बताया कि मिर्जा दिलशाद बेग की इस हरकत पर छोटा राजन बहुत ही नाराज हुआ और उसने मिर्जा दिलशाद बेग की हत्या करा दी।
मिर्जा दिलशाद बेग ने दाऊद को दी थी जानकारी
एजाज लकड़ावाला ने पूछताछ में जानकारी दी कि छोटा राजन ने इसकी जिम्मेदारी अपने खास गुर्गे विक्की मेहरोत्रा को दी थी। योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 10 लोगों की खास टीम बनाई गई। इस टीम में एजाज लकड़ावाला समेत विनोद माटकर, संजय घाटे और बाबा रेड्डी और फरीद तनाशा, बालू डोकरे को शामिल किया गया था। एजाज के मुताबिक मुंबई बम धमाकों की वजह से छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम के बीच तल्खी बढ़ गई थी। छोटा राजन को यकीन हो गया था कि दाऊद का एजेंडा अब बदल चुका है और अब उसकी लड़ाई देश के बहुसंख्यक समाज के साथ साथ भारत से भी है।