गैंगस्टर एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस और एसटीएफ के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने इस एनकाउंटर को लेकर एक विस्तृत बयान जारी किया था, वहीं इस एनकाउंटर को तमाम लोग फेक (Fake) भी बता रहे हैं, मेरठ में समाजवादी पार्टी नेता अभिषेक सोम ने इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।
मेरठ के सपा नेता अभिषेक सोम ने आरोप लगाया है कि मुठभेड़ में पुलिस द्वारा विकास दुबे का सफाया सिर्फ फेक (Fake) नहीं बल्कि 'नृशंस हत्या' है, सोम ने आरोप लगाया है कि पुलिस की इस कार्रवाई ने दुबे और उनके सहयोगियों के साथ फायरिंग में मारे गए पुलिस कर्मियों के परिवारों को केवल 'आधा न्याय' दिया है।
सपा नेता सोम ने यह भी आरोप लगाया कि मुठभेड़ के परिणामस्वरूप दुबे से जुड़े बड़े नाम अब कभी सामने नहीं आएंगे। अभिषेक सोम ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है या मुठभेड़ की उच्च न्यायालय जांच निगरानी की मांग की है।
इस घटना से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया और मुठभेड़ शुरू हुई। बिकरू गांव में दो जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास यादव फरार चल रहा था। मध्य प्रदेश पुलिस ने इस शातिर अपराधी को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गुरुवार को गिरफ्तार किया था, यूपी एटीएस विकास को लेकर गुरुवार रात कानपुर के लिए रवाना हुई थी। पुलिस ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कहा था कि उज्जैन से लाए जाते समय काफिले की एक गाड़ी कानपुर के पास पलट गई। इस हादसे के बाद विकास ने पुलिसकर्मी का हाथियार छीनकर भाग गया जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई और इस मुठभेड़ में वह घायल हुआ घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया फिर उसकी मौत हो गई।
इस बयान के मुताबिक विकास दुबे के पास से एक सरकारी पिस्टल बरामद हुई जो निरीक्षक रमाकांत पचौरी से छीनी गई थी। इसके अलावा दो खोखा कारतूस भी बरामद हुए।एसटीएफ के बयान के अनुसार, अभियुक्त विकास दुबे को एसटीएफ यूपी, लखनऊ टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक श्री तेजबहादर सिंह, एसटीएफ के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था।
यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्रान्तर्गत कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग थाना सचेण्डी, कानपुर के पास पहुंचे थे कि अचानक गाय भैंसो का झुण्ड भागता हुआ मार्ग पर आ गया। लम्बी यात्रा से थके हुए चालक द्वारा इन जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए अपने वाहन को अचानक से मोड़ने पर वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया।
अचानक हुई इस घटना से इस वाहन में बैठे हुए पुलिस अधिकारियों/कर्मियों (निरीक्षक रमाकान्त पचैरी, एसआई पंकज सिंह अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर, आरक्षी प्रदीप कुमार) को गम्भीर चोर्टे आईं तथा क्षणिक रूप से अर्धचेतनावस्था में चले जाने के कारण साथ में बैठा दुस्साहसी दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे अचानक घटित हुई इस परिस्थिति का लाभ उठाकर घायल निरीक्षक रमाकान्त पचैरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया तथा दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे मार्ग पर भागने लगा।
पीछे से आर रहे दूसरे सरकारी वाहन में बैठे पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ, यूपी, तेजबहादर सिंह मय हमराही दुर्घटना ग्रस्त वाहन के पास पहुंचे। दुर्घटना ग्रस्त वाहन के घायल पुलिस कर्मियों द्वारा बताया गया कि विकास दुबे अचानक हुई सडक दुर्घटना की परिस्थितियों का लाभ उठाकर निरीक्षक रमाकान्त पचैरी की सरकारी पिस्टल छीनकर कच्ची सड़क की तरफ फरार हो गया।
इसे उपरान्त तत्काल फरार अपराधी विकास दूबे का पीछा किया गया तो विकास दुबे द्वारा पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से पुलिस से छीनी गयी पिस्टल से फायर करने लगा, अभियुक्त को जिन्दा पकड़ने का भरपूर प्रयास करने के उद्देश्य से उसके काफी निकट पहुंच गये परन्तु विकास दुबे अन्तिम क्षणों में पुलिस कर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा। अन्य कोई विकल्प न होने की दशा में पुलिस दल द्वारा भी आत्मरक्षार्थ एवं कर्तव्य पालनार्थ नियंत्रित फायर किया गया।
जिसमें अभियुक्त विकास दुबे पुलिस द्वारा जबाबी कार्यवाही में गोली लगन से घायल होकर गिर गया। जिसे तत्काल प्राथमिक उपचार के उपरान्त पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सको द्वारा परिक्षणोपरान्त मृत घोषित कर दिया गया।
विकास दुबे द्वारा की गयी फायरिंग में एसटीएफ, उ0प्र0 के मुख्य आरक्षी शिवेंन्द्र सिंह सेंगर व आरक्षी विमल यादव घायल हो गये, जिनका उपचार चल रहा है।