गोवा : तहलका पत्रिका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल यौन हिंसा मामले में सभी आरोपी से बरी हो गए हैं। गोवा की एक कोर्ट ने यौन हिंसा मामले में तेजपाल को सभी आरोपों से बरी किया है। तेजपाल पर उनकी एक सहयोगी ने अपना यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। गोवा की अतिरिक्त सत्र अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। लड़की का आरोप है कि साल 2013 में गोवा के एक होटल में तेजपाल ने उसका यौन शोषण किया। कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो तेजपाल अदालत में मौजूद थे।
27 अप्रैल को आना था फैसला
इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला 27 अप्रैल को सुनाया जाना था लेकिन इस दौरान फैसले की तारीख आगे टलती रही। मामले में तेजपाल का पक्ष रखने वाले वकीलों की टीम के प्रमुख राजीव गोम्स की कोरोना बीमारी से पिछले सप्ताह मौत हो गई।
क्राइम ब्रांच ने की थी गिरफ्तारी
मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तेजपाल को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। मामले में राहत पाने के लिए उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई। तेजपाल से जुड़ा यौन उत्पीड़न का यह मामला काफी सुर्खियों में रहा।
तेजपाल ने कोर्ट को धन्यवाद दिया
फैसला अपने पक्ष में आने के बाद तेजपाल ने कोर्ट को धन्यवाद देते हुए कहा, 'नवंबर 2013 में एक मेरी सहयोगी ने मुझ पर यौन हिंसा का आरोप लगाया। आज सत्र न्यायालय ने मुझे बरी कर दिया। इन वर्षों में कई वकीलों ने मुझे सेवाएं दीं, मैं इन सभी का ऋणी हूं।' अपने पिता की ओर से जारी बयान को पढ़ते हुए तेजपाल की बेटी ने कहा, 'पिछले साढ़े सात सालों में हमारा परिवार काफी बुरे दौर से गुजरा।'
लिफ्ट में यौन उत्पीड़न करने का आरोप
साल 2013 में तेजपाल की एक महिला सहयोगी ने उन पर होटल की लिफ्ट में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। यह घटना गोवा में बाम्बोलिम के एक पंच सितारा होटल में हुई थी। यहां तहलका की तरफ से 'थिंक' नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। महिला के आरोप के बाद गोवा पुलिस ने तेजपाल को 30 नवंबर को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।