बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस ने फेसमास्क नहीं पहनने पर कथित तौर पर एक व्यक्ति के हाथ और पैरों में कील ठोक दीं। कथित पीड़ित की मां ने आरोप लगाया है कि तीन पुलिसकर्मियों ने उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार किया और उसे साथ ले गए। हालांकि पुलिस ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि आरोपी ने खुद के बचाव के लिए खुद के हाथ-पांव में ये कीलें ठोंक दी और फिर मीडिया के सामने पेश हुआ।
पुलिस पर गंभीर आरोप
महिला ने आरोप लगाया कि जब वह स्थानीय पुलिस पोस्ट पर पहुंची तो उसे बताया गया कि उसके बेटे को कहीं और ले जाया गया है। एक घंटे की खोजबीन के बाद वह व्यक्ति कथित तौर पर गंभीर रूप से घायल पाया गया और उसके हाथ और पैरों में कीलें ठोकी हुईं थी। घटना बरेली के बारादरी इलाके में 24 मई की रात करीब 10 बजे की बताई जा रही है। बुधवार को महिला ने एक पत्र लिखकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच करने का आग्रह किया।
पुलिस ने कहा आरोप झूठे, आरोपी ने खुद ठोंकी कील
थाना बारादरी क्षेत्रान्तर्गत एक युवक द्वारा पुलिसकर्मियों पर दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाये जाने के सम्बन्ध में बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया, 'आरोपी रंजीत द्वारा आरोप लगाया गया कि कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा उसके हाथपैर में कील ठोंक दी गई है। उसकी जांच कराई गई है उसमें ये पता चला है कि उसने 24 तारीख को पुलिस के साथ बदतमीजी की थी और बिना मास्क के घूम रहा था। उसी के संबंध में इसके ऊपर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था जिसके बाद यह वहां से भाग गया था। जब कल रात पुलिस इसके घर दबिश देने गई तो यह घर पर नहीं मिला। पूर्व में भी 2019 में इसके खिलाफ एक केस दर्ज था जब मंदिर में मूर्ति तोड़ने के आरोप में यह व्यक्ति जेल गया था।'
कथित पीड़ित ने कही ये बात
वहीं कथित पीड़ित शख्स ने मीडिया को बताया, "मैंने मास्क नहीं पहना था, लेकिन मेरी जेब में मास्क था। पुलिस ने मुझे रोका और पीटना शुरू कर दिया। जब मैंने उन्हें बताया कि मेरी जेब में मास्क है, तो उन्होंने मुझे गालियां देनी शुरू कर दी। उन्होंने फिर 3-4 लोगों को फोन किया और पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरे हाथ बांध दिए और मेरे हाथ-पैरों पर कील ठोक दी। मैं अपने बाएं कान से ठीक से सुन भी नहीं पा रहा हूं क्योंकि इससे खून बह रहा है। जिस पुलिस वाले ने मुझे पकड़ा है वह हमारे मोहल्ले में रहता है, लेकिन मैं उसका नाम नहीं जानता। मैं उसे पहचान सकता हूं। उन्होंने अब मेरे खिलाफ आठ मामले दर्ज किए हैं। मैं एक गरीब आदमी हूं और कूड़ा बीनकर मुश्किल से एक दिन में 150-200 कमाता हूं।'
खुद रचा षड़यंत्र
वहीं पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया, 'इसी तरह से गिरफ्तारी से बचने के लिए के लिए इस व्यक्ति ने यह षड़यंत्र रचा। घटना 25 मई की है और इसने 26 मई को अपने हाथ-पैर में कील ठोंककर आया और आरोप लगा रहा है। जबकि यह मौके से फरार हो गया था और पुलिस इसके घर पर दबिश दे रही थी। इस पूरे प्रकरण में पुलिस पर कोई दुर्व्यवहार की पुष्टि नहीं हुई है।'