जिस महिला की 'हत्या' के आरोप में पिता-भाई को हुई जेल, वो रह रही थी प्रेमी के साथ

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में परिवार के 3 तीन लोगों को महिला की हत्या के आरोप में जेल हुई। जबकि महिला अपने प्रेमी के साथ रह रही थी। पुलिस एक साल से ज्यादा समय के बाद उसका पता लगा पाई है।

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पिछले साल फरवरी का है मामला 
मुख्य बातें
  • पिछले साल फरवरी में गायब हो गई थी 20 साल की महिला
  • परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
  • बाद में पुलिस ने परिवार वालों को ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की अमरोहा पुलिस ने एक 20 साल की लड़की का पता लगाया है, जिसके तीन रिश्तेदार पिछले साल से उसकी 'हत्या' के मामले में जेल में बंद हैं। इन तीन रिश्तेदारों में उसके पिता और भाई भी शामिल हैं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दायर की थी। पुलिस ने कहा कि महिला की पहचान कमलेश के रूप में हुई, जो कि आदमपुर थाना क्षेत्र में अपने माता-पिता के घर से करीब पांच किमी दूर अपने प्रेमी के घर पर मिली। पुलिस पोरवा गांव पहुंची और उस महिला को पाया। महिला का एक साल का बच्चा है।

'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के अनुसार, घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक (SP), अमरोहा, विपिन ताडा ने मामले के जांच अधिकारी, इंस्पेक्टर अशोक कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की है। एसपी ने कहा कि अतिरिक्त एसपी, अजय प्रताप सिंह को जांच का निर्देश दिया गया है।

एसएचओ, आदमपुर पुलिस स्टेशन, पंकज वर्मा ने कहा कि उन्हें पता चला था कि कमलेश, जो पिछले साल फरवरी से गायब थी अपने प्रेमी राकेश सैनी के घर पर रह रही है। पूछताछ के दौरान महिला ने पुष्टि की कि वह कमलेश है और कहा कि वह अपने प्रेमी के साथ गई थी। उसकी पहचान की पुष्टि करने के बाद हमने उसे जिला अस्पताल में भेज दिया दिया। वह पांच महीने की गर्भवती है।

पिता ने दर्ज कराई थी शिकायत

मामला 6 फरवरी 2019 का है, जब कमलेश आदमपुर थाने के तहत मलकपुर गांव में अपने घर से लापता हो गई थी। उसके पिता सुरेश कुमार ने अपहरण के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दो आरोपियों होराम सिंह और उसके भाई हरफूल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने होराम सिंह और हरफूल सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। हालांकि, पुलिस मामले में ज्यादा प्रगति नहीं कर सकी और महिला का पता नहीं  चला। 

पुलिस ने बदली जांच की दिशा

कुछ महीने बाद उसके पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया जिसके बाद जांच तत्कालीन एसएचओ, आदमपुर पुलिस स्टेशन, अशोक कुमार शर्मा को स्थानांतरित कर दी गई। पुलिस ने जांच के एंगल को बदलते हुए मामले में लड़की के परिवार के सदस्यों की भूमिका पर संदेह किया। एसएचओ वर्मा ने कहा, '12 दिसंबर, 2019 को पुलिस ने हत्या के आरोप में सुरेश कुमार, उनके बेटे रूपकिशोर और रिश्तेदार देवेंद्र को गिरफ्तार किया और कहा कि उन्होंने लड़की को गोली मार दी और उसका शव नदी में फेंक दिया।' पुलिस ने तब दावा किया था कि लड़की को मार डाला क्योंकि वह परिवार का बुरा खराब कर रही थी। उन्होंने महिला के कपड़े, एक देसी पिस्तौल और एक जोड़ी चप्पल भी बरामद करने का दावा किया।

एसएचओ ने शुक्रवार को कहा, 'हम महिला का बयान रिकॉर्ड करेंगे और अदालत को एक आवेदन भेजेंगे जिसमें अनुरोध किया जाएगा कि तीनों- उसके पिता, भाई और रिश्तेदार को जेल से रिहा किया जाए।'

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