बरेली: कोरोना के चलते इन दिनों देश मे निराशा का माहौल है, जहां एक तरफ इस वायरस की वजह से लोगों को घर मे कैद करने पर मजबूर कर दिया है वहीं दूसरी और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आम लोगों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आ रहे हैं। देश मे कोरोना वॉरियर पर दिन पर दिन हमले बढ़ते ही जा रहे है। एक तरफ राज्य सरकार ने ऐसे अपराध को लेकर कड़ा कानून बनाया है वहीं दूसरी और कुछ शहरों की पुलिस इन मामलों को बढ़ावा देने मे जुटी है।
जाहिर सी बात है केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है की आवश्यक सेवा प्रदान करने वालो के लिए कोई रोक नहीं है, और उनको किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। फिर भी उत्तर प्रदेश के बरेली शहर मे लोगों का मानना है की उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही एक मामला बरेली के बारादरी क्षेत्र के सिंधु नगर का है, जहां एक छोटा बच्चा अपने पिता के साथ फलों का ठेला लगाए हुआ था।
लड़के का कहना है की 2 पुलिस वाले उसके ठेले पर आए और उसके साथ गाली गलौज की और फिर मारना शुरू कर दिया। पीड़ित बच्चे का कहना है की उस समय उसके पिता घर पर नहाने गए हुए थे। जिसके बाद पुलिस आई और लड़के को बेहरमी से मारना शुरू कर दिया। हालांकि पूरे मामले मे अभी तक पुलिस ने चुप्पी साध रखी है।
इस मामले ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बोला, 'इस आपातकाल में बहुत सारे बच्चे अनाथ हो गए हैं और दर-दर भटकने पर मजबूर हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार ऐसी परिस्थितियों में भी उन बच्चों तक को प्रताड़ित कर रही है, जो ‘आत्मनिर्भर’ बनकर दो वक्त की रोटी कमाने की कोशिश कर रहे हैं। काश बच्चों का दर्द समझने वाले दयावान सत्ता में होते।'
बरेली के ADG ZONE से जब इसकी जानकारी मांगी तो बरेली पुलिस का जवाब आया की लड़के को मामूली चोट आई है और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जहां एक तरफ बरेली के डीएम ने आदेश दिए हैं की शहर में आवश्यक वस्तु लाने ले जाने के लिए किसी को रोका ना जाए, वहीं दूसरी तरफ पुलिस की इतनी सख्ती लोगों को परेशान करती है।
(अनुभव खंडेलवाल, लेखक टाइम्स नाउ मे स्पेशल संवाददाता हैं)