बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चमत्कारिक घटना सामने आ रही है। एक नवजात को मृत समझकर जब उसके परिवार वालों ने उसे कब्रिस्तान में दफनाया तो बाद में उसे जीवित पाया गया। गुरुवार शाम को ही बच्ची के परिजनों ने उसे कब्रिस्तान के पास वाली जमीन में दो फीट नीचे उसे दफनाया था।
जब मृतक नवजात को उन्होंने दफनाया उसी समय उसकी बॉडी में हरकत हुई जिसके बाद फौरन उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में उसका इलाज किया जा रहा है। नवजात का वजन 1.1 किलोग्राम है और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि नवजात का जन्म समय से (प्रीमैच्योर बर्थ) पहले हो गया है और वह इसलिए बच गई क्योंकि प्रीमैच्योर बेबी को कम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा सीधे जमीन में दफनाने के बजाय उसे सबसे पहले मटके में रखा गया इसके बाद उसे दफना गया था जिसके कारण भी वह जीवित रही। ऐसा संभव है कि उसे कुछ घंटों पहले ही दफनाया गया हो।
पुलिस ने बताया कि वे पता लगा रहे हैं कि किसने बच्चे को जिंदा दफनाने की कोशिश की थी। कब्रिस्तान की सीसीटीवी फुटेज तलाशने की कोशिश की जा रही है। मामले की जांच के लिए सादे कपड़ों में पुलिस को भी उस इलाके में तैनात किया गया है। जल्द ही इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
लोकल सुभाषनगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ हरिशचंद्र जोशी ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है वास्तव में नेचुरल डेथ के कारण उसे दफनाया जा रहा था या लड़की होने के कारण उसे मारने की कोशिश की जा रही थी। गुरुवार शाम वैशाली नाम की महिला ने अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया।
हितेश (वैशाली का पति) और उसके परिवार ने देखा कि बच्चा मृत पैदा हुआ है। इसके बाद उन्होंने सुभाषनगर में ही कब्रिस्तान के पास की जमीन में उसे दफना दिया। बाद में जब एक मजदूर वहां पर खुदाई कर रहा था तो एक मटके से उसका औजार टकराया। जब उसने उसे बाहर निकालकर देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं।
वहां कपड़े में लिपटी एक नवजात बच्ची थी और वह रो रही थी। उसके शरीर का तापमान बेहद कम हो गया था। उसके जन्म को 5 दिन ही हुए थे। फिलहाल उसकी हालत गंभीर है, उसके फेफड़ों में संक्रमण आ गया है।