Red Corner Notice in Hindi: क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस? अब मूसेवाला के आरोपी के खिलाफ किया गया है जारी

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अशेष गौरव दुबे
अशेष गौरव दुबे | मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर
Updated Jun 10, 2022 | 22:33 IST

Red Corner Notice in Hindi: गैंगस्टर गोल्डी बराड़ फिलहाल कनाडा में छिपा है जो पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोपी है । उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये क्या होता है।

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दरअसल रेड कॉर्नर नोटिस किसी ऐसे अपराधी के लिए जारी किया जाता है जो वारदात को अंजाम देने के बाद किसी दूसरे देश भाग जाए।  |  तस्वीर साभार: ANI

Red Corner Notice in Hindi: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर इस वारदात की जिम्मेदारी ली। वो गैंगस्टर गोल्डी बराड़ फिलहाल कनाडा में छिपा है लेकिन वारदात को अंजाीम उसने भारत में दिला। इससे पहले एक खबर आई थी कि दुबई से गुप्ता ब्रदर्स को गिरफ्तार किया गया। अब सवाल ये कि आखिर इन दोनों केस का जिक्र हम एक साथ क्यों कर रहे हैं? क्या दोनों मामले का आपस में लेनादेना है? दरअसल इन दोनों केस का आपस में तो कोई लेना देना नहीं है लेकिन एक चीज दोनों में सामान है, वो है रेड कॉर्नर नोटिस। गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और अब सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम आने के बाद भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। अब सवाल ये कि आखिर ये रेड कॉर्नर नोटिस क्या है? कौन इसे जारी करता है? इसका मतलब क्या होता है? हम आपको समझाएंगे कि आखिर ये रेड कॉर्नर नोटिस होता क्या है?

कब जारी होता है रेड कॉर्नर नोटिस?
दरअसल रेड कॉर्नर नोटिस किसी ऐसे अपराधी के लिए जारी किया जाता है जो वारदात को अंजाम देने के बाद किसी दूसरे देश भाग जाए। इस रेड कॉर्नर का मतलब होता है कि शख्स ने किसी देश में अपराध किया है, फिर चाहे वो खुद देश में पहुंच कर करे या फिर दूसरे देश में बैठ कर ही क्यों ना करवाए। ऐसे अपराधियों की तलाश करने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है। इसके अलावा इस नोटिस का किसी के खिलाफ जारी करने का मतलब ये भी होता है कि दूसरे देश आगाह रहे हैं कि वो शख्स उनके यहां भी किसी वारदात को अंजाम दे सकता है।  रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद अगर अस्थायी गिरफ्तारी होती है तो उस अपराधी को वापस उसी देश में भेजा जाता है जहां अपराध को अंजाम दिया गया हो। ध्यान ये भी देने की जरूरत है कि रेड कॉर्नर नोटिस कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं है, ये गिरफ्तारी वारंट से बिलकुल अलग है। अब सवाल ये कि आखिर रेड कॉर्नर नोटिस को जारी किसकी ओर से किया जाता है? दरअसल रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल की ओर से जारी किया जाता है।

क्या है इंटरपोल?
आसान भाषा में समझें तो इंटरपोल एक तरह से अंतरराष्ट्रीय पुलिस है। इंटरपोल और 192 देश इसके सदस्य हैं। जो सदस्य देश हैं उन्हीं की ओर से किसी अपराधी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए सिफारिश की जाती है। ऐसा भी नहीं है कि सिफारिश के बाद फौरन इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया जाए। जो भी सिफारिश आती है उसकी जांच एक टास्क फोर्स की ओर से की जाती है और ये देखा जाता है कि आखिर इंटरपोल के नियमों के मुताबिक ये सिफारिश की गई है या फिर नहीं? अगर सब कुछ नियमों के मुताबिक होता है तो सिफारिश को ध्यान में रखते हुए इसे जारी इंटरपोल की ओर से कर दिया जाता है।  अगर इस वक्त की बात करें तो इंटरपोल की ओर से करीब 70 हजार रेड कॉर्नर नोटिस को जारी कर दिया गया है और अकेले साल 2021 में 10,776 रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए थे।

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