ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन पर जारी हुई बेवसीरीज वेब सीरीज ‘तांडव’ ( Web Series 'Tandav') में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में लखनऊ और शाहजहांपुर जिले में इसके निर्माता-निर्देशक, लेखक और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। लखनऊ पुलिस के मुताबिक हजरतगंज के वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव ने वेब सीरीज 'तांडव' में कुछ आपत्तिजनक देखकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। मुकदमे में इंडिया ओरिजिनल कंटेंट (अमेजन) की प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्देशक अली अब्बास जफर, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और अन्य को आरोपी बनाया गया है।
उधर, शाहजहांपुर जिले के कटरा थाना में भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह ने भी तांडव वेब सीरीज के निर्देशक अली अब्बास जफर तथा कलाकार सैफ अली खान और जीशान अयूब के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि मामले में आठ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराए गए मुकदमे में वादी वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव ने कहा है कि वेब सीरीज के पहले एपिसोड में हिंदू देवी-देवताओं का गलत चित्रण किया गया है जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसमें अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल भी किया गया है, जिससे लोगों में काफी आक्रोश है।
प्राथमिकी में भादस की 153 (ए) (धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश) 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना) के साथ कई अन्य धारायें जोड़ी गयी हैं।
किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना-
'जो कोई किसी उपासना स्थान को या व्यक्तियों के किसी वर्ग द्वारा पवित्र मानी गई किसी वस्तु को नष्ट नुकसानग्रस्त या अपवित्र इस आशय से करेगा कि किसी वर्ग के धर्म का तद्वारा अपमान किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि व्यक्तियों का कोई वर्ग ऐसे नाश, नुकसान या अपवित्र किए जाने को वह अपने धर्म के प्रति अपमान समझेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।'
किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना।सजा -2 वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों दिए जा सकते है।यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर- संज्ञेय अपराध बताया गया है, गैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत में मुश्किल आती है क्योकि इसको संज्ञेय श्रेणी का गैर- जमानतीय अपराध में बताया गया है।
वहीं निर्माता अब्बास जफर ने अपनी हालिया वेब सीरीज तांडव के विवादों में घिरे जाने के बाद अपने पूरी कास्ट और क्रू की ओर से माफी मांगते हुए कहा है कि उनका इरादा किसी को भी अपमानित करने या किसी भी धर्म और राजनीतिक पार्टी का अपमान करने का नहीं है। अली अब्बास ने ट्विटर पर अपना बयान जारी करते हुए बताया है कि उनकी वेब सीरीज की कहानी पूरी तरह काल्पनिक है और किसी भी घटना से इसकी तुलना पूरी तरह एक संयोग मात्र है।