सुनील गुप्ता ने इस बातचीत में बताया कि इस तरह के आरोपियों के साथ जेल में क्या होता है? साथ ही आरोपियों की फांसी की सजा को लेकर भी खोले कई राज।
तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर और जेल के ही कानून अधिकारी सुनील गुप्ता ने उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों के बारे में बात की...
उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड से पूरा देश दहल गया था. सवाल ये भी उठने लगा कि कन्हैया को इंसाफ कब मिलेगा। उदयपुर समेत देशभर के लोगों के दिलों में ये सवाल था कि क्या कातिलों को फांसी होगी? होगी तो कब तक होगी? इन्हीं सवालों के जवाब लेने को टाइम्स नाउ नवभारत की डिजिटल टीम पहुंची तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर और जेल के ही कानून अधिकारी सुनील गुप्ता के दफ्तर। डिजिटल Talk शो के होस्ट मुनीष देवगन के सारे सवालों के जवाब जेलर ने दिए।
कन्हैया लाल की हत्या रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों है?
पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने इस खास बातचीत में बताया की ऐसे मामलों में फांसी ही होती रही है.बातचीत के दौरान उन्होंने ये भी बताया कि इस तरह के मामलों में अगर आरोपी अपना गुनाह कबूल कर लेता है तो 6 महीने में सजा हो सकती है लेकिन अगर आरोपी सुनवाई के दौरान मुकर जाता है तो मामला 1 साल से ऊपर तक खींच सकता है। उसके बाद ये अधिकार होता है कि वो अपर कोर्ट में जा सकता है। सुनील गुप्ता ने ये भी बताया कि ये केस रेयरस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में आता है. रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन ऐसे मामले जिनमें विक्टिम को कोई मौका दिए बिना, पूर्व नियोजित, क्रूर, निर्दयी तरीके से हत्या हो और अपराध की घिनौनी प्रकृति नजर आए, वो अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में आता है।
सुनील गुप्ता ने कहा, ‘उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में इसलिए आती है, क्योंकि आरोपियों ने पहले धमकी दी, फिर नृशंस हत्या की, हत्या का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया में पोस्ट किया। ये दिखाता है कि जानबूझकर आपराधिक मानसिकता के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया. इसके अलावा इस घटना ने सामाजिक ताने-बाने पर बड़ा आघात पहुंचाया है। लोग इस बर्बर हत्या से स्तब्ध है, इसलिए भी ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर है।’
कन्हैया लाल हत्याकांड कैसे एक सोची समझी साजिश थी और ऐसी कई क्राइम फाइल्स के केस सुनील गुप्ता ने हमसे शेयर किए।ये सब कुछ उन्होंने मुनीष देवगन के साथ डिजिटल Talk में चर्चा की ये सब आपको इस इंटरव्यू में मिलेगा।