नई दिल्ली : दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके से सोमवार रात गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पूछताछ में उसने दावा किया है कि वह दिल्ली में स्लीपर सेल का मुखिया था और उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने प्रशिक्षित किया था। उसे दिल्ली आने वाले आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। यही नहीं गिरफ्तार आतंकवादी पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलरों के जरिए इंटरनेट कॉलिंग के जरिए संपर्क में था। वह कश्मीर में कुछ दिनों तक रहा है और कुछ आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है।
दिल्ली में आतंकी हमले की बड़ी साजिश रच रहे इस पाकिस्तानी आतंकी को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। इससकी पहचान मोहम्मद अशरफ उर्फ अली के रूप में की गई है। वह पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला है। वह आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था। इसके पास से अत्याधुनिक हथियार, एके-47 और ग्रेनेड बरामद हुए हैं। खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की निगरानी में इस पूरे आपरेशन को अंजाम दिया गया है।
फिलहाल पूरी साजिश को लेकर स्पेशल सेल की टीम आतंकी से पूछताछ कर रही है। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस को ऐसे इनपुट्स मिले थे कि राजधानी में आतंकी हमला हो सकता है। इसको लेकर पुलिस आयुक्त ने सभी जिला पुलिसकर्मियों, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। इसे लेकर पुलिस टीम लगातार काम कर रही थी और उन्होंने एक गुप्त सूचना पर संदिग्ध आतंकी को पकड़ा। जांच में पता चला कि आतंकी नेपाल के रास्ते दिल्ली में आया था। पुलिस का शक है कि वह त्योहारों के मौसम में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।
अशरफ को लक्ष्मीनगर इलाके के रमेश पार्क के पास से सोमवार रात गिरफ्तार किया गया। इसे लेकर पुलिस टीम ने बीते आठ अक्टूबर को साजिश का एक मामला दर्ज किया था। पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि वह फर्जी आइडी पर रह रहा था। उसने अली अहमद नूरी के नाम से शास्त्री नगर का एक फर्जी आईडी बना लिया था। उसके पास से पुलिस ने फर्जी आइडी, बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उसके पास से एक एके-47, मैगजीन और 60 गोलियां भी बरामद हुई हैं। एक हैंड ग्रेनेड, दो पिस्तौल और 50 कारतूस भी उसकी निशानदेही पर कालिंदी कुंज घाट से बरामद हुए। तुर्कमान गेट इलाके से एक भारतीय पासपोर्ट भी उसने बरामद करवाया है।
पुलिस का मानना है कि त्योहारों के सीजन में वह किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा था। पुलिस टीम उससे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि भारत में कौन-कौन लोग उसकी मदद कर रहे थे। किस तरीके से नेपाल के रास्ते वह भारत पहुंचा और इस पूरे साजिश में कौन उसके मददगार हैं। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये आतंकी पिछले कुछ साल से दिल्ली में रह रहा था। वह दिल्ली में स्लीपर सेल का मुखिया था और हिंदुस्तान आने वाले आतंकियों को हथियार और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध करवाता था।
क्या दिल्ली में इसके नेटवर्क में और भी लोग हैं, इस बारे में पुलिस जांच में जुटी है। अशरफ ने अपने हथियार कालिंदी कुंज के पास यमुना किनारे बालू के नीचे दबा कर रखे थे। वह लोन वुल्फ अटैक की साजिश रच रहा था। पुलिस जल्द ही कई और गिरफ्तारियां कर सकती है। गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी ने जम्मू कश्मीर में कुछ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की बात भी कबूली है लेकिन दिल्ली पुलिस उसके दावों को पुख़्ता करने की कोशिश में जुटी है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आईएसआई ने इसे इस तरह से ट्रेंड किया है कि पकड़े जाने पर वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर सके। इसलिए जम्मू कश्मीर से संबंधित दावों को पुख्ता किया जा रहा है। उसने बताया है कि वह मौलाना बनकर दिल्ली में रह रहा था और झाड़फूंक करता था। वह अलग-अलग शहरों में मौलाना बनकर रहा। उसके मोबाइल में कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं। आतंकी को बड़ा काम करने का हुक्म ISI से मिला था। इसके पास मोबाइल फोन पर ज्यादातर VOIP कॉल्स आते थे ताकि एजेंसियों की भनक न लग पाए। आतंकी के बैंक एकाउंट के बारे में तफ्तीश की जा रही है।
पूछताछ में उसने यह भी बताया है कि वह भारत में पिछले 15 सालों से रह रहा था। पहले उसने अपनी शादी से इंकार किया लेकिन बाद में बताया कि वह एक महिला के साथ रहता था, फिर बाद में उससे अलग हो गया। उसके इस दावे की जांच की जा रही है।