गाजियाबाद : मुरादनगर के श्मशान घाट पर रविवार को हुई त्रासद घटना ने 25 जिंदगियां खत्म कर दीं। यहां एक व्यक्ति की अत्येंष्टि में शामिल होने पहुंचे लोगों को यह कतई अंदाजा नहीं होगा कि वे घर लौटकर नहीं आएंगे। बारिश से बचने के लिए करीब 50 लोगों ने यहां श्मशान स्थल में नवनिर्मित भवन के नीचे शरण ली थी। उन्हें नहीं पता था कि जिस छत के नीचे उन्होंने शरण ली है वही उनकी मौत का काल बन जाएगी। देखते ही देखते भवन की छत भरभराकर नीचे गिर गई और उसके नीचे दबने से 25 लोगों की मौत हो गई। यह घोर लापरवाही एवं भ्रष्टाचार का मामला है।
निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं
बताया गया है कि इस छत का निर्माण हुए अभी दो महीने ही बीते थे। इस निर्माण कार्य को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आई थीं और इसकी गुणवत्ता की जांच अभी होनी थी लेकिन इसके पहले हादसा हो गया। मुरादनगर के इस हादसे से नगर निमग और स्थानीय अधिकारियों के कामकाज पर गंभीर सवाल उठे हैं। जाहिर है कि भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद भी अधिकारियों की कानों पर जू नहीं रेंगना उनकी मिलीभगत की तरफ इशारा करता है।
ठेकेदार त्यागी का दावा-30 प्रतिशत कमीशन दिया
कैमरे पर ठेकेदार अजय त्यागी ने दावा किया है कि उसने 30 प्रतिशत कमीशन सरकार के अफसरों को दिया लेकिन उसने यह कमीशन किसे दिया इस बारे में उसने बात करने से मना कर दिया। जाहिर है कि त्यागी यदि 28 से 30 प्रतिशत कमीशन अफसरों को देने को दावा कर रहा है तो इसकी जांच होनी चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों एवं निर्माण कार्य के सुपरवाइजरों की भी जांच होनी चाहिए ताकि रिश्वतखोरी के इस पूरे प्रकरण पर से परदा उठ सके और दोषियों को सजा मिले।
हादसे के लिए अब तक 4 गिरफ्तार
इस हादस के मुख्य आरोपी अजय त्यागी को पुलिस ने सोमवार रात गिरफ्तार किया। उसके बारे में जानकारी देने पर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। सोमवार को ही पुलिस ने एक जूनियर इंजीनियर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। हादसे के बाद ठेकेदार त्यागी फरार हो गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह दोषियों पर रासुका लगाएगी और हर्जाना भी उन्हीं से वसूलेगी। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिजनों को दो लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।