राजस्थान के पूर्वी हिस्से में करौली एक छोटा सा जिला है। आम तौर यह अमन पसंद जिले के तौर पर जाना जाता है। लेकिन नवसंवत्सर वाले दिन इस जिले की अलग तस्वीर आई। कुछ लोग बाइक के जरिए रैली निकाल रहे थे और फसाद हुआ। फसाद में दुकानों को आग के हवाले कर दिया। करोली हिंसा का मास्टर माइंड मतलूब पुलिस की गिरफ्त से बाहर और राजनीति भी अपने पूरे शबाब पर है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को बहादुर शाह जफर तक करार दिया और कहा कि ये सल्तनत के आखिरी बादशाह होंगे।
करौली हिंसा में अब तक क्या हुआ
Karauli Violence: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा- सुनियोजित थी करौली हिंसा, पुलिस पर सवाल नहीं उठाएं
आरोपी मतलूब पुलिस गिरफ्त से बाहर
टाइम्स नाउ नवभारत के पास वीडियो उसमें नजर आ रहा है कि हिंसा के समय मुख्य आरोपी पुलिस वालों के सामने खड़ा है। लेकिन पुलिस वाले किसी तरह से हरकत में नजर नहीं आए। हिंसा के बाद मतलूब फरार है जिसके बारे में जानकारी नहीं है। इस विषय में जब पुलिस वालों से सवाल किया जाता है तो उनका जवाब होता है कि आरोपी की धरपकड़ के लिए कोशिश जारी है। लेकिन इन सबके बीच सियासत भी गरम है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस का तो यही चरित्र रहा है। तुष्टीकरण की राजनीति से देश का बंटाधार कर दिया। लेकिन आरोप बीजेपी पर लगाया जाता है कि सांप्रदायिकता और नफरत की राजनीति हम लोग करते हैं। आप देख सकते हैं कि किस तरह से करौली हिंसा के मामले में गैरजिम्मेदाराना बयान आ रहा है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।