क्या है सीतामढ़ी केस का सच, अब तक दो गिरफ्तार, अपराधियों ने लगाए थे अल्लाह ओ अकबर के नारे

बिहार के सीतामढ़ी में क्या उदयपुर जैसे कांड को दोहराने की साजिश रची गई थी। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सांप्रदायिक एंगल को खारिज किया है। लेकिन प्राथमिकी के मुताबिक आरोपियों ने अल्लाह हूं अकबर के नारे लगाए थे।

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सीतामढ़ी में हुई थी चाकूबाजी, दो गिरफ्तार 
मुख्य बातें
  • बिहार के सीतामढ़ी में एक शख्स पर चाकू से हमला
  • इस केस में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी
  • पीड़ित परिवार का आरोप- नुपुर शर्मा के पोस्ट को देखने के बाद वारदात को अंजाम

सीतामढ़ी में हिंदू लड़के को छुरा घोंपने के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि अपराध को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने 'अल्लाह-ओ-अकबर के नारे लगाए थे। मामला सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के एक इलाके की है। नानपुर एसएचओ (प्रभारी) विजय कुमार ने सांप्रदायिक दृष्टिकोण से इनकार किया लेकिन छुरा घोंपने का मामला स्वीकार किया है और दो गिरफ्तारियों की पुष्टि की है।

पुलिस का क्या कहना है
नानपुर के एसएचओ विजय कुमार ने गुलाब रब्बानी ने अंकित झा को एक सहज झगड़े में चाकू मार दिया था। गुलाब ने अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं छोड़ा और उसके बाद तीखी झड़प हुई थी। नपुर के एसएचओ ने दावा किया कि रब्बानी ने अंकित को चाकू मार दिया था और दोनों आरोपी पहले से ही जेल में हैं। लेकिन टाइम्स नाउ के पास वो प्राथमिकी भी है कि जिसमें जिक्र हैं कि अपराधियों ने रास्ते में अल्लाह-ओ-अकबर का नारा लगाया था। प्राथमिकी क्षेत्र में संभावित सांप्रदायिक संघर्ष का भी जिक्र किया गया है। 

परिवार का आरोप

पीड़ित परिवार का कहना है कि नुपुर शर्मा का पोस्ट देखने की वजह से तीन लोगों से पहले वाद विवाद हुआ और उसके बाद तीनों आरोपियों ने दौड़ा दौड़ा कर चाकू से गोंद डाला। हालांकि पुलिस का कहना है कि आपसी विवाद की वजह से झगड़ा हुआ और उसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। बता दें कि मामला 16 जुलाई का है जिसके बारे में जानकारी 18 तारीख को हुई थी। परिवार का कहना है कि पुलिस तो पहले प्राथमिकी दर्ज करने से बच रही थी। लेकिन दबाव के बाद एफआईआर दर्ज की गई। 

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