नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश और केरल से कहा है कि 12वीं परीक्षा कराए जाने के इंतजाम से जब तक वह संतुष्ट नहीं होगा तब तक वह इसकी अनुमति नहीं देगा। कोरोना संकट पर चिंता जाहिर करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हमें नहीं पता कि कोरोना के डेल्टा वायरस का नया वैरिएंट किस तरह से असर डालेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश से कहा कि 'परीक्षा कराए जाने के दौरान यदि एक भी मौत हुई तो हम आपको जिम्मेदार ठहराएंगे।'
बोर्ड परीक्षा कराना चाहते हैं आंध्र प्रदेश और केरल
बता दें कि आंध्र प्रदेश ने कहा है कि वह 12वीं बोर्ड की परीक्षा अपने यहां कराएगा। इसके लिए उसने विशेष इंतजाम करने की बात कही है। आंध्र प्रदेश का कहना है कि वह एक कक्षा में 15 छात्रों को बैठने की अनुमति देगा। इस पर कोर्ट ने पूछा कि 12वीं की परीक्षा संपन्न कराने के लिए क्या वह 34,500 कमरों की व्यवस्था कर पाएगा।
कोर्ट ने कहा-परीक्षा के लिए बहुत ठोस तर्क देना होगा
जस्टिस एएम खनविलकर एवं जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ को मंगलवार को बताया गया कि आंध्र प्रदेश और केरल ऐसे दो राज्य हैं जो 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराना चाहते हैं। इस पर पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील से कहा, '12वीं की परीक्षा कराने के लिए आपको बहुत ही ठोस तर्क देना होगा। परीक्षा के दौरान यदि किसी छात्र की मौत हो जाती है तो हम राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे।' राज्य सरकार की ओर से पेश वकील महफूज नाज्की ने कहा कि राज्य सरकार का अब तक का निर्णय है कि वह 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराएगी लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला जुलाई के पहले सप्ताह में लिया जाएगा।
परीक्षा के लिए इंतजाम पर एससी ने पूछे सवाल
इस पर कोर्ट ने कहा, 'आप इस बारे में बुधवार तक फैसला लें, इसके बाद हम गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करेंगे।' कोरोना संकट के दौरान राज्य सरकारों द्वारा बोर्ड परीक्षाएं न कराए जाने की मांग वाली एक अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने वकील नाज्की से पूछा कि आंध्र प्रदेश सरकार किस आधार पर यह सोच रही है कि वह परीक्षा कराने का इंतजाम कर लेगी और महामारी को ध्यान में रखते हुए क्या राज्य सरकार ने सभी जरूरी प्रबंध एवं उपाय कर लिए हैं।
छह राज्य करा चुके हैं अपनी बोर्ड परीक्षा
गत सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि असम और त्रिपुरा सरकारों ने महामारी के संकट को देखते हुए 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है। गत 17 जून को कोर्ट को जानकारी दी गई कि 28 राज्यों में से छह राज्य पहले ही अपनी बोर्ड परीक्षा करा चुके हैं लेकिन चार राज्यों असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश ने अपनी बोर्ड परीक्षाएं अभी तक रद्द नहीं की हैं।