Career After Polytechnic: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा युवाओं के बीच एक पसंदीदा कोर्स है। इसे एआईसीटीई यानी ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा संचालित किया जाता है। इन कोर्स के माध्यम से छात्रों को संबंधित स्ट्रीम व सब्जेक्ट के प्रैक्टिकल पहलुओं और बेसिक बातों को सीखाई जाती है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा एक ऐसी टेक्निकल डिग्री मानी जाती है, जो युवाओं को अच्छी जॉब दिलाने में मदद कर सकती है। यह कोर्स छात्रों को सिर्प्फ जॉब ही नहीं दिलाती, कई अन्य कोर्स करने के रास्ते भी खोलती है। यहां हम आपको पॉलिटेक्निक के बाद सभी संबंधित करियर और कोर्स की जानकारी दे रहे हैं।
लेटरल एंट्री स्कीम से दाखिला
छात्र पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स करने के बाद लेटरल एंट्री स्कीम के तहत बी.टेक या बी.ई कर सकते हैं। लेटरल एंट्री का मतलब होता है कि छात्र सीधे इन कोर्स के दूसरे वर्ष या तीसरे सेमेस्टर में एडमिशन ले सकते हैं। कई इंजरीनियरिंग कॉलेज लेटरल एंट्री के लिए प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित करते हैं।
एएमआईई सर्टिफिकेशन
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के वाले छात्रों के लिए एएमआईई सर्टिफिकेशन एक अन्य विकल्प हो सकता है। एएमआईई सर्टिफिकेट बी.ई. के समकक्ष एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन कोर्स है। इस कोर्स को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, इंडिया द्वारा एएमआईई सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाता है।
सरकारी जॉब
अगर कोई छात्र फाइनेंशियल परेशानियों से जूझ रहा है तो वह पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद सीधे जॉब हासिल कर सकता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सरकार की तरफ से बेहतरीन अवसर प्रदान करती हैं। कई विभागों में इन्हें जूनियर स्तर के पदों और तकनीशियन स्तर की जॉब मिलती है।
प्राइवेट सेक्टर
सरकारी जॉब की तरह प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां भी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को जॉब ऑफर करती हैं। इन्हें खास कर मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार डोमेन में जॉब मिलता है। हालांकि, ये नौकरियां जूनियर लेवल की हैं और इनमें प्रमोशन या विस्तार की बहुत कम गुंजाइश होती है।
सेल्फ एम्प्लॉयमेंट
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए खुद का रोजगार शुरू करने का शानदार अवसर होता है। पॉलिटेक्निक संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले सभी डिप्लोमा कोर्स छात्रों को संबंधित विषय में थ्योरी व प्रैक्टिकल के द्वारा पूरी तरह तैयार करती हैं। इन्हें हर पहलुओं की जानकारी दी जाती है। इसलिए कोर्स पूरा करने के बाद छात्र अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं।