Career in Law: लॉ कोर्स को लेकर ज्यादातार लोगों की धारणा है कि इस कोर्स में सीमित ऑप्शन है। लॉ कोर्स के बाद सिर्फ वकील या जज बना जा सकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। लॉ के बाद छात्रों के पास कई औद्योगिक, साइबर, प्रशासनिक जैसी कई सेक्टर मौजूद हैं, जहां पर ये शानदार जॉब हासिल कर सकते हैं। लगभग हर कंपनी और गतिविधि में कानून के जानकारों की आवश्यकता पड़ती है। नए दौर में कानून के जानकारों के लिए कॉरपोरेट वर्क कल्चर भी खुलकर सामने आ रहा है। यहां पर कई हाई पेइंग करियर ऑप्शन हैं।
लॉ प्रवेश परीक्षा एवं कोर्स
लॉ कोर्सेज में एडमिशन के लिए छात्र को क्लैट, एआईएलईटी, एलसैट इंडिया जैसी प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है। बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) कोर्स के लिए छात्रों को दो विकल्प मिलते हैं, एक 3 वर्ष की अवधि का एलएलबी कोर्स, इसे ग्रेजुएशन डिग्री के बाद कर सकते हैं। वहीं, अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए 5 वर्ष की अवधि का इंटीग्रेटेड कोर्स उपलब्ध है। एलएलबी कोर्स के बाद कानून का सिलेबस विस्तार लेता है और इसमें कई शाखाएं निकलती हैं। इसमें मेंक्रिमिनल लॉ, कॉरपोरेट लॉ, पेटेंट कानून, साइबर लॉ, फैमिली लॉ, बैंकिंग लॉ, टैक्स लॉ आदि कई ऑप्शन होते हैं, जिन्हें युवा अपने पसंद के अनुसार चुन सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार ये सभी सुपर स्पेशियलाइज्ड फील्ड है।
सरकारी नौकरी
लॉ छात्रों के लिए राज्य व केंद्र सरकार द्वारा जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित की जाती रहती है। इन परीक्षा को पास करके कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर जॉब हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा जुडिशल क्लर्कशिप या लॉ क्लर्क, जज के सहायक के तौर पर कार्य करने का भी मौका रहता है। इसके अलावा बार कॉउंसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद छात्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं। इसके अलावा लॉ छात्र बतौर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं। यहां इनके पास पसंद के अनुसार, सिविल, टैक्स, क्रिमिनल, कॉरपोरेट क्षेत्र चुनने का मौका मिलता है।
प्राइवेट सेक्टर
लॉ छात्रों को आज के समय में बड़े औद्योगिक घराने व लॉ फर्म्स खूब जॉब दे रहे हैं। ये विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं और अन्य कानूनी समाधान के लिए लीगल एनालिस्ट रखते हैं। इन जगहों पर लॉ के छात्र एक लीगल एनालिस्ट के तौर पर शुरुआती वार्षिक पैकेज ही 6 से10 लाख रुपये का हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा स्टार्टअप्स, एनजीओ और सोशल वर्क से संबंधित अन्य संगठनों में भी कानून के जानकारों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा बहुत से प्राइवेट संस्थान, स्कूल-कॉलेज, धार्मिक संस्थान भी न्यायिक अड़चनों से निपटने के लिए लीगल एडवाइजर नियुक्त करते हैं।