नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणकि सत्र 2021-22 के लिए नौवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सिलेबस में कोई कटौती नहीं करने का फैसला किया है। सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए नौवीं से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत तक की कमी की थी, जिसे देखते हुए एक बार फिर ऐसा करने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन इस सत्र में ऐसा नहीं किया जा रहा है।
सीबीएसई के एक अधिकारी के मुताबिक, बोर्ड ने बीते साल ही स्पष्ट कर दिया था कि सिलेबस में कटौती का फैसला केवल एक बार के लिए है। उस समय ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका पढ़ने और पढ़ाने दोनों तरह से नया था, जिस लिहाज से यह फैसला लिया गया था। लेकिन अब 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में उन अध्यायों को फिर से पाठ्यक्रम में ला दिया गया है, जिन्हें बीते शैक्षणिक सत्र के लिए हटाया गया था।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने वाली हैं, जो 10 जून तक चलेंगी। इस परीक्षा में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के छात्र शामिल होंगे, जिन्हें बीते वर्ष पाठ्यक्रम में की गई 30 फीसदी की कटौती का लाभ मिलेगा। कोरोना संकट के बीच सीबीएसई ने पिछले साल छात्रों के पाठ्यक्रम का भार कम करने के लिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में नौवीं से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी।
CISCE ने भी इस सत्र में 10वीं और 12वीं के सिलेबस में 25 फीसदी कटौती की घोषणा की थी। वहीं, शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के लिए CISCE को अभी अपना सिलेबस जारी करना बाकी है।
वहीं, सीबीएसई ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण प्रायोगिक परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाने वाले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को 11 जून से पहले एक और मौका देने का भी फैसला किया है। इस संबंध में गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सीबीएसई ने स्कूलों से कोविड-19 से संक्रमित परीक्षार्थियों के लिए उपयुक्त समय पर प्रायोगिक परीक्षाएं फिर से आयोजित करने के लिए कहा है।
सी