लखनऊ : राज्य में कोरोना के नए मामलों में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों की परीक्षा भी 15 मई तक स्थगित कर दी है।10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगति हुई हैं। सरकार स्कूलों को 15 मई तक पहले ही बंद कर चुकी है। राज्य के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 20 मई तक के लिए टाली गई हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं आगे कराई जा सकेंगी कि नहीं इसके बारे में मई के पहले सप्ताह में चर्चा की जाएगी और अन्य संभावनाओं को देखा जाएगा। शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी 15 मई तक टाली गई हैं।
बोर्ड की परीक्षाएं 15 मई तक स्थगित
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा, 'उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 20 मई तक टाली जा रही हैं। ये परीक्षाएं आगे कराई जा सकती हैं या नहीं और अन्य विकल्प क्या हो सकते हैं, इस बारे में निर्णय करने के लिए मई के पहले सप्ताह में बैठक होगी। विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी 15 मई तक स्थगित की जा रही हैं।' बता दें कि राज्य में गुरुवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 22,439 नए केस मिले जबकि इस दौरान 104 लोगों की मौत हुई।
परीक्षाओं पर मई के पहले सप्ताह में होगी बैठक
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषध (सीबीएसई) अपनी 10वीं की परीक्षा रद्द और 12वीं की परीक्षा स्थगित किया। इसके बाद कई राज्यों ने अपनी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। राज्य के सूचना विभाग ने अपने एक बयान में कहा, 'राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामलों में आए उछाल के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ बड़े फैसले किए हैं। इसमें राज्य के बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करना भी है। बोर्ड परीक्षाओं की अगली तिथि के बारे में मई में फैसला किया जाएगा। इस दौरान किसी तरह की परीक्षा नहीं कराई जाएगी। राज्य सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 15 मई तक बंद रखने का फैसला किया है।'
आठ मई से शुरू होनी थीं परीक्षाएं
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं एक साथ 8 मई से शुरू होनी थीं। 10वीं की परीक्षा 25 मई को समाप्त होनी थी जबकि 12वीं की परीक्षा 28 मई को समाप्त होनी थी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का प्रयागराज बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक बोर्ड है जिसमें हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के लगभग 57 लाख परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।