CTET Cut-Off 2021: राज्य और केंद्रीय स्तर पर सरकारी टीचर बनने के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। अब यह समझना जरूरी है कि इस परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए। जहां तक तैयारी का सवाल है तो सबसे पहले परीक्षार्थियों को सिलेबस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए उसके बाद पिछले साल के क्वेश्चन पेपर के साथ कट-ऑफ मार्क्स के बारे में भी समझ होनी चाहिए। कट-ऑफ मार्क्स से तैयारी किस तरह की जाए उसमें काफी मदद मिलती है। सीटेट यानी सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (Central Teacher Eligibility Test) और टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की परीक्षा 22 दिसंबर 2021 से शुरू हुई थी।
परीक्षा देने के बाद छात्र पेपर मिलान करते हैं, पिछले सत्र की कट-ऑफ का बारीकी से विश्लेषण करते हैें और मोटे तौर पर फैसला करते हैं वो एग्जाम में पास हो जाएंगे या अगले सत्र के लिए दोबारा तैयारी करनी होगी। अब यहीं सवाल यह उठ खड़ा होता है कि आखिर किस तरह से कट-ऑफ की गणना की जाती है। यहां पर हम आसान तरीके से बताएंगे कि वो कौन सी पद्धति है जिसकी वजह से परीक्षार्थियों के चेहरे पर खुशी या निराशा छा जाती है।
सीटेट 2021 की कट ऑफ लिस्ट इन बातों पर करती है निर्भर
अब इन तीन बिंदुओं के जरिए आप समझ सकते हैं कि अगर परीक्षा में मौजूद परीक्षार्थियों की संख्या अधिक हुई। पेपर का स्तर आसान हुआ तो स्वाभाविक तौर पर कट-ऑफ ज्यादा होगा। अगर पेपर का स्तर कठिन है तो कट-ऑफ कम होगा।
संभावित कट-ऑफ
कैटिगरी | संभावित कट-ऑफ मार्क्स |
जनरल | 87-90 |
ओबीसी | 82-87 |
एससी | 78-83 |
एसटी | 78-83 |
दो स्तरों में आयोजित होती है परीक्षा
CTET 2021 परीक्षा दो स्तरों में आयोजित की जाती है। प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5वीं के लिए) और प्रारंभिक स्तर (कक्षा 6 से 8वीं के लिए) में बांटा गया है। इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं है. एग्जाम में परीक्षार्थियों को कुल 150 सवालों के जवाब देने होते हैं, सीटेट पेपर 150 मार्क्स का होता है।