नई दिल्ली। सीटीईटी एग्जाम देने वालों के लिए खुशखबरी है। अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दी गई है। इसका अर्थ यह है कि अगर आप एक बार इस परीक्षा को पास करते हैं तो सात साल के बाद किसी तरह की परीक्षा नहीं देनी होगी। रा ष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 29 सितंबर को आयोजित 50वीं आम सभा की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया। सबसे बड़ी बात यह है कि देश के सबसे बड़े सूबे में से एक यूपी की शिक्षक भर्ती इसका फायदा मिलेगा। दरअसल यूपी सरकार ने टेट के अलावा सीटेट को भी मान्यता दे रखी है।
आगे से होने वाले सीटेट की वैधता आजीवन
एनसीटीई की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि आगे से होने वाले सीटीईटी की वैधता आजीवन रहेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपी-टीईटी पांच साल के लिए मान्य होती है। सीबीएसई हर साल दो बार सीटीईटी परीक्षा आयोजित करता है। पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है।
कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 के लिए होता है सीटेट
सीटेट के पेपर -1 में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं। जबकि पेपर -2 में बैठने वाले सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8वीं तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं। सीटेट (CTET) के पहले के नियमों के अनुसार सीटेट सर्टिफिकेट की वैधता 7 साल (रिजल्ट डेट के बाद से) की रहती थी। लेकिन अब यह आजीवन मान्य रहेगा।