नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी 11 सितंबर यानि शुक्रवार को 21वीं सदी में स्कूल शिक्षा पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक उ उसकी तरफ से 10 और 11 सितंबर यानि दो दिन तक शिक्षा पर्व आयोजित किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले सात अगस्त को एनईपी-2020 के तरह उच्च शिक्षा बुनियादी बदलाव विषय पर उन्होंने अपनी बात रखी थी।
21वीं सदी का पहला शैक्षणिक मसौदा
नई शिक्षा नीति 2020 इस सदी की पहला राष्ट्रीय मसौदा है जिसे पेश किया गया। इससे पहले 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। जानकार कहते हैं कि एनईपी 2020 का मकसद स्कूली और उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव करना है ताकि पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित न रहे बल्कि उसका उपयोग भी किया जा सके।
रोजगारपरक शिक्षा पर बल
एनईपी का बड़ा मकसद यह भी है कि शिक्षा सर्वसुलभ होने के साथ हर एक वर्ग को बिना किसी भेदभाव के हासिल हो सके। कम से कम आठवीं तक देश का हर एक बच्चा पढ़ लिख सके। इसके साथ ही पहले से चली आ रही 10 प्लस 2 की जगह पर 5+3+3+4 को लागू करने पर बल दिया गया है। इसके साथ ही इस तरह की सुविधाओं को दिया गया है ताकि कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई के साथ कमाने के बारे में भी सोच सके।