नई दिल्ली: अगले महीने सितंबर में होने वाली जेईई परीक्षा दस अलग-अलग शिफ्ट में करवाई जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जा सके और छात्रों को कोरोना संक्रमण का खतरा न रहे।नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा, जीईई की परीक्षाएं करवाने के लिए हमने 10 शिफ्ट तय की हैं। प्रत्येक शिफ्ट के लिए 615 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षाएं देश भर के 234 शहरों में आयोजित की जा रही हैं। परीक्षाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रत्येक शहर में सिटी कोऑर्डिनेटर बनाए गए हैं। सिटी कोऑर्डिनेटर इलाके की पुलिस एवं प्रशासन से के साथ संपर्क में रहेंगे ताकि परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की भीड़ या अन्य कोई अव्यवस्था ना हो।
जेईई की ही परीक्षा के लिए ऑड-ईवन फार्मूला भी तय किया गया है। इस फार्मूले के तहत परीक्षा केंद्रों में आने वाले छात्रों को दो पालियों में कंप्यूटर आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही जेईई और नीट परीक्षाओं के दौरान एक परीक्षा कक्ष में अधिकतम 12 छात्र ही बैठ सकेंगे।छात्र पहली शिफ्ट में ऑड नंबर वाले कंप्यूटर और दूसरी शिफ्ट में ईवन नंबर वाले कंप्यूटर पर बैठकर परीक्षा देंगे।
प्रत्येक परीक्षा के बाद परीक्षा केंद्र को सैनिटाइज किया जाएगा
एनटीए महानिदेशक ने कहा, प्रत्येक परीक्षा से पहले और प्रत्येक परीक्षा के बाद परीक्षा केंद्र को सैनिटाइज किया जाएगा। केंद्र के फर्श, दीवारों, फर्नीचर, लिफ्ट, सीढ़ियां और रैम सभी स्थानों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। नीट परीक्षा के लिए 15.97 लाख छात्रों ने फार्म भरा है। इनमें से 9,94,198 छात्रों ने ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिया है। जेईई परीक्षा के लिए 8.58 लाख छात्रों में से 7,49,408 ने ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किया है।
जेईई (मेन) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ये सुनिश्चित किया कि 99 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों को उनकी पसंद के परीक्षा केंद्र मिले। इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को उनकी पसंद एवं घरों के नजदीक परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प दिया गया था। विनीत जोशी ने परीक्षाओं के विषय में जानकारी देते हुए कहा, जेईई (मेन) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को ही होगी। जेईई परीक्षा के लिए केंद्रो की संख्या भी 570 से बढ़ाकर 660 कर दी गई है। वहीं नीट के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 2546 से बढ़ाकर 3843 की गई है।