UPSC Toppers Strategy: कुछ कर गुजरने की इच्छा और कड़ी मेहनत व संघर्ष से व्यक्ति बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली तेजस्वी राणा की। जी हां तेजस्वी ने सिविल सर्विसेज एग्जाम (Civil Services Exam) में पहली बार असफलता मिलने के बावजूद अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और संघर्ष के दम पर दूसरे प्रयास में 12वीं रैंक हासिल कर, यह साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। इतना ही नहीं तेजस्वी ने घर पर यूपीएससी की तैयारी कर बड़े बड़े कोचिंग सेंटरों को भी आइना दिखा दिया। तथा इस भ्रम को तोड़ दिया कि घर पर रहकर यूपीएससी की तैयारी नहीं की जा सकती।
तेजस्वी का बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था, यही कारण है कि उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करने के तुरंत बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने किसी कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया बल्कि घर पर ऑनलाइन गाइडेंस से तैयारी की और दूसरी बार में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया।
टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत के दौरान तेजस्वी ने बताया था कि, कॉलेज में अक्सर आईएएस अधिकारी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने आया करते थे। उनके निर्णय लेने की क्षमता ने मुझे आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया। ऐसे में यदि आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन असफलता मिलने के कारण भ्रमित हो गए हैं, तो तेजस्वी राणा की कहानी आपके लिए प्रेरणादायक हो सकती है। आइए एक नजर डालते सिंघम लेडी के जीवन पर।
बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओं नारे को किया चरितार्थ
आपको जानकर हैरानी होगी कि तेजस्वी ने घर पर रहकर मात्र एक साल में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर 12वीं रैंक हासिल कर अपना परचम पूरे देश में लहरा दिया था। तथा यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों से व्यक्ति बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता है। साथ ही तेजस्वी ने अपनी मेहनत के दम पर केंद्र सरकार के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं के नारे को सही अर्थों में चरितार्थ किया।
आईआईटी कानपुर से की इंजीनियरिंग
तेजस्वी हरियाणा के कुरुक्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र के डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद, इंजीनियरिंग करने के लिए जेईई की परीक्षा दी और अच्छी रैंक हासिल किया। इसके बाद तेजस्वी ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग किया।
एक दृश्य ने बदल दी जिंदगी
एक इंटरव्यू के दौरान तेजस्वी ने बताया था कि, कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान कई बार आईएएस अधिकारी आया करते थे, उनके निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया। यही कारण था कि साल 2015 में तेजस्वी ने पहली बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी, लेकिन तैयारी के अभाव के कारण इसमें वह असफल रही। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा घर पर तैयारी कर परीक्षा में शामिल हुई और दूसरी बार में सफलता हासिल कर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई।
ऐसे की तैयारी
एक इंटरव्यू के दौरान तेजस्वी ने बताया था कि तैयारी करने से पहले उन्होंने सिलेबस को अच्छी तरह देखा, इसके बाद 6 से 8 तक की किताबें एकत्रित की और अपना बेसिक मजबूत किया। इसके बाद उन्होंने माता पिता व लोगों से सलाह लेने के बाद, वैकल्पिक विषय का चयन किया और बाजार से किताबें खरीदी। तेजस्वी ने बताया कि उन्होंने पढ़ने के लिए अपना एक टाइम टेबल बनाया था और ज्यादा से ज्यादा समय वह पढ़ाई में दिया करती थी। साथ ही समय समय पर मॉक टेस्ट दिया करती थी, जिससे उन्हें अपनी तैयारी का पता चलता था।
संकल्फ धारण कर आगे बढ़ते जाएं – तेजस्वी राणा
तेजस्वी ने यूपीएससी के छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि, आप अपने संघर्ष से बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर कड़ी मेहनत करना होगा। उन्होंने बताया कि, आपको अपनी तैयारी का समय समय पर विश्लेषण भी करना चाहिए, इससे पता चलता है कि आपकी तैयारी कितनी हुई है। तेजस्वी कहती हैं असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उससे सीख लेकर संकल्प धारण कर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे में यदि आप भी आईएएस बनना चाहते हैं तो तेजस्वी की ये बातें आपके सफलता की कुंजी हो सकती है।
क्यों कहा जाता है लेडी सिंघम
प्रशासनिक सेवा में 12वीं रैंक हासिल कर तेजस्वी देश के चहुमुखी विकास में अपना योगदान दे रही हैं, यही कारण है कि तेजस्वी आईएएस बनने के बाद काफी सुर्खियों में आ गई हैं। लॉकडाउन के दौरान अभिनेत्री ने कांग्रेस विधायक का चालान काटकर यह साबित कर दिया था कि खाकी किसी के सामने झुकने के लिए नहीं पहनी जाती। इस दौरान तेजस्वी सोशल मीडिया पर लेडी सिंघम के नाम से काफी चर्चा में थी।