Exam tips: स्कूल और कॉलेजों में एग्जाम शुरू होने वाले हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स की टेंशन और स्ट्रेस काफी बढ़ जाता है। अक्सर पेरेंट्स देखते हैं कि इस दौरान बच्चों की नींद गायब हो जाती है और भूख भी कम लगती है। इसका मुख्य कारण होता है एग्जाम में अच्छे परफॉर्म करने का स्ट्रेस। इस एग्जाम फीवर या एग्जाम फोबिया से बच्चों को बचाना बेहद जरूरी है। नियमित पढ़ाई के साथ बच्चे अगर अपना खान-पान ठीक करें, योग और टाइम-मैनेजमेंट पर ध्यान दें तो स्ट्रेस को आसानी से दूर किया जा सकता है। स्ट्रेट कम होने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे।
यह ऐसा समय है जिसमें बच्चों को पेरेंट्स के सपोर्ट की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स को हर पर उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। इससे उसका स्ट्रेस भी कम होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
टाइम-टेबल बनाकर चलें
परीक्षा के समय टाइम-टेबल बनाना बेहद जरूरी है। साथ ही टाइमटेबल पर अमल करना और उससे समझौता न करना भी उतना ही जरूरी है। खाने और सोने में से किसी भी गतिविधि के साथ बच्चे को समझौता न करने दें। इससे स्ट्रेस भी कम रहता है और उसे सभी कार्यों के बीच बैलेंस बनाने में आसानी होती है।
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खान पान पर दें ध्यान
परीक्षा के दिनों में बच्चे की मेहनत बहुत बढ़ जाती है। ऐसे में उसकी डाइट को लेकर समझौता न करें। एक साथ ज्यादा खाना देने की जगह छोटे-छोटे ब्रेक में कुछ न कुछ खाने को दें। फल, सब्जियां, जूस और हल्के स्नैक्स थोड़ी-थोड़ी देर पर देते रहें।
ब्रेक लेने है जरूरी
परीक्षा के समय बच्चा अगर लगातार घंटों तक पढ़ेगा तो उसका स्ट्रेस बढ़ेगा और याद करने में परेशानी होगी। ज्यादातर देर तक पढ़ने के बाद अक्सर बच्चे कई पाठ भूल जाते हैं। ऐसे में उसे छोटे ब्रेक लेने के लिए कहें। इससे वह ताजगी महसूस करेगा और रिविजन कर सकेगा।
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दूसरों से तुलना न करें
हर बच्चे अपने आप में खास होते हैं। आप दूसरे बच्चों या अपने बच्चों के दोस्तों से उनकी तुलना न करें। इससे उसकी परफॉरमेंस तो नहीं बढ़ेगी लेकिन तनाव बहुत बढ़ जाएगा।
कसरत करें
बच्चों को एग्जाम के समय कसरत करने को कहें। योग या कसरत का एग्जाम की तैयारियों पर सकारात्मक असर देखा गया है। देर रात तक पढ़ने की जगह उन्हें जल्दी सोने के लिए प्रेरित करें ताकि वो सुबह जल्दी उठ सकें। इससे उनकी याददाश्त तेज होगी।