नोएडा। द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ने (NIOS) ने एक बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राचीन भारतीय विरासत से जुड़े पाठ्यक्रम को लागू करेगा। बता दें कि एनआईओएस एक स्वायत्त संगठन है। यह कक्षा, 3, 5 और 8 के लिए बेसिक कोर्स शुरू करेगा। एनआईओएस की चेयरमैन सरोज शर्मा ने कहा कि भारतीय पारंपरित ज्ञान पद्धति को लेकर लोगों का रुझान बढ़े इसके लिए खास कदम उठाए जा रहे हैं।
भारतीय ज्ञान और विज्ञान पर 15 पाठ्यक्रम तैयार
एनआईओएस ने भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत 15 पाठ्यक्रमों को तैयार किया है। इसमें वेद, योग, विज्ञान, व्यवसायिक पाठ्यक्रम, संस्कृत भाषा, रामायण, भगवद् गीता, पाणिनी के द्वारा प्रतिपादित महेश्वर सूत्र शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों का स्तर कक्षा 3, 5 और 8 के बराबर होगा।इस संबंध में शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को नोएडा स्थित एनआईओएस के मुख्यालय में इन विषयों से संबंधित स्टडी मैटेरियल को जारी किया।
सुपरपावर बनने में विरासत से मिलेगी मदद
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान का भारत पावरहाउस रहा है। अगर आप ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति और विरासत को देखें तो भारत ने दुनिया को क्या कुछ नहीं दिया। हमारी पुरातन व्यवस्था इतनी मजबूत रही है कि उसके बल पर हम सुपर पावर बनने की दिशा में और आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी इस थाती को आगे बढ़ाने के साथ यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इसका फायदा विश्व समाज को भी मिले।