Jharkhand Civil Services Exam Result: झारखंड उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने अंक प्रणाली में विसंगति का हवाला देते हुए छठी राज्य सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम को रद्द करने के एकल पीठ के आदेश को बुधवार को बरकरार रखा। मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की दोहरी पीठ ने न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की एकल पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें जेपीएससी की ओर से प्रकाशित मेरिट लिस्ट को खारिज कर दिया गया था और भर्ती निकाय को बिना संशोधित लिस्ट प्रकाशित करने को कहा था।
दो क्वालीफाइंग पेपर- हिंदी और अंग्रेजी के अंकों को जोड़ना। खंडपीठ ने शिशिर तिग्गा और कई अन्य सफल उम्मीदवार की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए आदेश पारित किया गया था, जो वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात हैं।
जेपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में कुल 326 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया था। खंडपीठ ने अपील पर लंबी सुनवाई के बाद एकल पीठ के आदेश में कोई विसंगति नहीं पाई और जेपीएससी की ओर से आयोजित छठे सीएसई के परिणाम को अवैध घोषित करने को बरकरार रखा।
परीक्षा 2016 में आयोजित की गई थी और परिणाम अप्रैल 2020 में रिलीज किया गया था। आरोप थे कि कुल अंक में दो क्वालीफाइंग पेपर के अंक जोड़े गए जोकि गलत है।
परिणाम को मेरिट सूची में विसंगति और आरक्षण नीति के उल्लंघन जैसे आधारों पर अदालत के समक्ष चुनौती दी गई थी। अदालत ने पिछले सप्ताह अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा गया था।