नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में समान शिक्षा के लिये दो अलग-अलग तरह के स्कूल नहीं हो सकते, जिनमें से एक में पहली कक्षा में दाखिले के लिये न्यूनतम आयु छह वर्ष जबकि दूसरी तरह के स्कूल में पांच वर्ष निर्धारित की गई है। केंद्रीय विद्यालय संगठन के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ऐसा कहा गया।
केंद्रीय विद्यालयों में आगामी सत्र से पहली कक्षा में दाखिले के लिये न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित करने के केंद्रीय विद्यालय संगठन के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि अदालत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हस्तेक्षप नहीं करना चाहती, लेकिन पहली कक्षा में दाखिले के लिये दो अलग अलग आयु मानदंड होने से 'एक विषम स्थिति पैदा होगी।'
अदालत ने कहा, 'दिल्ली में समान शिक्षा के लिये दो अलग-अलग तरह के स्कूल नहीं हो सकते। हम एनसीटी में इस प्रकार की विषमता नहीं देख सकते। आपको (केंद्र) को इसपर विचार करना होगा।'