नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में सबकुछ बदल गया है। पारंपरित पद्धति से जो काम होते थे उसमें बदलाव हुए। शिक्षा के बारे में बिना स्कूल या कक्षा की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती थी। लेकिन कोरोना महामारी ने विकल्पों को जन्म दिया। आज हर घर कक्षा बन चुका है। ऑनलाइन शिक्षा के जरिए शिक्षक और छात्र एक दूसरे से संवाद कर रहे हैं। यह साल अब खत्म होने की तरफ अग्रसर है, इसके साथ ही हर वर्ष फरवरी और मार्च में बोर्ड की परीक्षाओं के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं का भी दौर शुरू हो जाता है।
शिक्षा मंत्री निशंक की क्लास
बोर्ड या प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों में संबल बनाए रखने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल
निशंक गुरुवार को सुबह 10 बजे रूबरू होंगे। इस मौके पर वो छात्रों के सवालों का जवाब देंगे और अपने अनुभवों को भी साझा करेंगे।
पहले भी करते रहे हैं उत्साहवर्धन
मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक का कहना है कि यह बात सच है कि कोरोना महामारी की वजह से व्यवस्थाओं में बदलाव हुआ है। लेकिन हमें इससे घबराने की जगह मुकाबला करने की जरूरत है। जिस तरह से कोरोना काल में आईआईटी और नीट की परीक्षाएं सकुशल संपन्न कराईं गईं उससे साफ है कि हम सब बिना डरे ऐहतियात के साथ कोरोना जैसी महामारी को चुनौती दे सकते हैं।