नई दिल्ली. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की मोनिका राणा पर साल 2012 में दुखों का पहाड़ टूट गया था। मोनिका के माता-पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इन तमाम परेशानियों के बावजूद मोनिका ने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी 2017 सिविल सेवा परीक्षा में 577वीं रैंक हासिल की।
मोनिका की माता-पिता की मौत के बाद उनकी बहन दिव्या ने उन्हें संभाला। मोनिका ने इसके बाद साल 2015 में मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। हालांकि, उनके माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी एक दिन आईएएस बनें।
माता-पिता के इसी सपने को पूरा करने के लिए मोनिका ने इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। मोनिका ने पहला अटेंप्ट साल 2015 में दिया। हालांकि, वह सफल नहीं हो पाई। इसके बाद साल 2016 में उन्होंने दोबारा कोशिश की। इस बार भी उनके हाथों निराशा ही लगी।
एमबीबएस के बाद लिया फैसला
मोनिका ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, "मैंने एमबीबीएस के पास यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया। हालांकि, मुझे लगता है कि इस खुशी की घड़ी में काश मेरे माता-पिता मेरे साथ होते। वह मेरे लिए सबसे बड़े मोटिवेशन हैं।"
मोनिका कहती हैं कि मैंने एमबीबीएस के दौरान जब मैंने हेल्थ सेक्टर में कमियों को देखा तो उसने मुझे आईएएस बनने के लिए प्रोत्साहित किया था। इससे सामाजिक और आर्थिक परेशानियों से लोगों को छुटकारा मिले।
कैंडिडेट्स को दी ये टिप्स
मोनिका ने कैंडिडेट्स को टिप्स देते हुए कहा कि, " कोचिंग में जो आपको पढ़ाया जा रहा है उस पर आपको खास फोकस देना चाहिए। इससे आपकी आगे की फाउंडेशन बनती है। इसके बाद सेल्फ स्टडी करें इससे जो आपने पढ़ा है वह मजबूत होगा। "
मोनिका की बहन दिव्या यूनियन बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। मोनिका मूल रूप से जौनसार-बावर क्षेत्र से हैं। मोनिका ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की थी। मोनिका के पिता गोपाल सिंह राणा इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में कार्यरत थे।