IAS Success Story of Ritika Jindal: 2018 बैच की आईएएस अधिकारी रितिका जिंदल की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है। यूपीएससी जैसी देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगी परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर 88वीं रैंक हासिल करने वाली रितिका मानती हैं- मुश्किलें आपको रूलाएंगी लेकिन आपको हमेशा मुस्कुराना सीखना चाहिए। खुद रितिका अपने जीवन में इसी मंत्र का अनुसरण करती हैं, तभी तो पिता को कैंसर हो जाने की खबर ने भी उनके हौसले को गिरने नहीं दिया।
रितिका जब यूपीएससी की परीक्षा दे रही थीं तब उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यही वो वक्त था जब उन्हें पता चला कि उनके पिता को टंग कैंसर हुआ है। जब वह दूसरी बार इस परीक्षा को देने वाली थी तब उनके पिता को लंग कैंसर हो गया था। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी उनके पिता को हुई, बावजूद उसके उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया। रितिका ने हार नहीं मानी और मजबूत इरादों से सफलता पाई।
रितिका मानती हैं कि हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन आप हार नहीं मानें और उठकर और तेज भागें। 22 साल में आईएएस बनने वाली रितिका कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न को लोग समझ लें तो इसे आसानी से क्रैक कर सकते हैं। इस परीक्षा को स्ट्रेटजी और मेहनत से ही पास किया जा सकता है। अगर आप पढ़ रहे हैं तो सिर्फ पढ़ने में ही नहीं बल्कि प्रैक्टिस करने पर भी ध्यान दें।
बता दें कि रितिका जिंदल पंजाब के मोगा की रहने वाली हैं। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई वहीं से पूरी की है, इसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। रितिका ने ग्रेजुएशन में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए और कॉमर्स और अकॉउंटेन्सी विषय के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं।