नई दिल्ली: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन CISCE ने कक्षा 10, 12 की परीक्षाओं के लिए लंबित परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। जहां तक परीक्षा और मूल्यांकन का सवाल है, बोर्ड ने सीबीएसई के नक्शेकदम पर चलने का फैसला किया है।
जेएम खानविल्कर की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बोर्ड द्वारा शेष परीक्षाओं के संचालन पर सीबीएसई बोर्ड के फैसले का पालन करने का फैसला करने के बाद शेष आईसीएसई परीक्षा रद्द करने की याचिका पर सुनवाई की।
सरकार ने देश में बढ़ते कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए ये परीक्षाएं स्थगित की हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने कहा, “हम सीबीएसई प्रस्ताव के लिए सहमत हैं। हम कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा भी रद्द कर देंगे। हम एक ही बार में मूल्यांकन परिणाम घोषित करेंगे। उन्होंने आगे कहा, "हम सीबीएसई की तरह सटीक पैटर्न का पालन करेंगे जहां तक परीक्षा और मूल्यांकन का संबंध है। बाद में हम तय करेंगे कि बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए या नहीं।"
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि आईसीएसई बोर्ड सीबीएसई के फैसले को रद्द करने और अपने स्वयं के सूचित निर्णय का पालन करने की स्वतंत्रता पर है। बोर्ड ने 2 जुलाई से 12 जुलाई, 2020 तक लंबित परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था जो अब रद्द है। महामारी के कारण इस साल मार्च से परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।
बोर्ड ने कहा है कि वह भी सीबीएसई बोर्ड के इंटरनल असेसमेंट के पैटर्न को फॉलो करेगा मगर CISCE Board ने कहा कि सीबीएसई की तरह वह भी बारहवीं के बच्चों को एग्जाम का कोई विकल्प नहीं देगा नंबर सिर्फ इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर ही दिया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गईं,जबकि 12वीं बोर्ड के छात्रों के लिए बाद में परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए विकल्प रखा है। सरकार ने 12वीं कक्षा के छात्रों को बाद में परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया है।