कोरोना वायरस के चलते इस समय देश में लॉकडाउन है और इसके चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। हाल ही में मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल ने लॉकडाउन के बढ़ने से एग्जाम, पढ़ाई और एकेडमिक सेशन (शैक्षणिक सत्र) पर पड़ने वाले असर के बारे में बात की।
उन्होंके कहा कि लॉकडाउन के चलते इस साल शैक्षणिक सत्र में देर होने की संभावना है। अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के फिर से खुलने के बाद आयोजित की जाएगी। इसके बाद, नए बैच के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें लगभग एक महीने तक का समय लग सकता है।
रमेश पोखरियाल ने कहा कि फर्स्ट ईयर के यूजी और पीजी दोनों प्रोग्राम में छात्रों के एडमिशन के बाद ही नए सेशन की शुरुआत की जाएगी। हालांकि पुराने बैचों के लिए टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षा पूरी होने के बाद ही इन्हें शुरू किया जा सकता है यानि इनके जल्दी शुरू होने की उम्मीद है। परीक्षाओं और एकेडमिक कैलेंडर से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। लेकिन छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
जहां पहले यह माना जा रहा था कि 14 अप्रैल 2020 को खत्म हो रहे लॉकडाउन के बाद मई के आखिरी हफ्ते में JEE-MAIN की परीक्षा हो सकती है अब लॉकडाउन बढ़ने (3 मई तक) के बाद से यह माना जा रहा है कि एग्जाम होने में और देर हो सकती है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह परीक्षा मई में होने की उम्मीद है। शिक्षा मंत्रालय जल्द ही नई तारीखों की घोषणा कर सकता है।