सोलापुर के टीचर ने जीता 7 करोड़ रुपए का इनाम, पुरस्कार का आधा हिस्सा 9 फाइनलिस्टों के साथ करेंगे साझा

इनाम की भारी भरकम राशि पाने वाले दिसाले आगे भी अपने शिक्षण कार्य से जुड़े रहेंगे। हालांकि उन्होंने इस राशि का आधा हिस्सा प्रतियोगिता के अंतिम चरण में पहुंचने वाले नौ लोगों के साथ साझा करने की बात कही है।

Maharashtra : Solapur school teacher wins $1 million global teacher prize
सोलापुर के टीचर ने जीता 7 करोड़ रुपए का इनाम।  |  तस्वीर साभार: ANI

पुणे : बच्चे खासकर लड़कियां बीच में पढ़ाई छोड़कर घर न बैठें, इसके लिए स्कूल में अध्यापन के अनोखे तरीके अपनाने एवं पठन-पाठन में क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने के लिए सोलापुर जिले के जिला परिषद स्कूल में शिक्षक रणजीतसिंह दिसाले ने ग्लोबल टीचर प्राइज का पुरस्कार जीता है। इस पुरस्कार के तहत दिसाले को 10 मिलियन डॉलर (7 करोड़ रुपए) मिलेंगे। दिलचस्प बात है कि दिसाले अपनी इस इनाश राशि का आधा हिस्सा प्रतियोगिता के अंतिम दौर में पहुंचने वाले 9 लोगों को देंगे ताकि उन्हें इस राशि से मदद मिल सके। 

इनाम की भारी भरकम राशि पाने वाले दिसाले आगे भी अपने शिक्षण कार्य से जुड़े रहेंगे। हालांकि उन्होंने इस राशि का आधा हिस्सा प्रतियोगिता के अंतिम चरण में पहुंचने वाले नौ लोगों के साथ साझा करने की बात कही है। दिसाले के कहना है, 'वे इससे अपने कार्य को और बेहतर बना सकते हैं। इसके अलावा इस राशि के 30 प्रतिशत हिस्से से मैं एक इनोवेटिव टीचर्स फंड बनाऊंगा। इस फंड से गांवों खासकर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाने वाले अध्यापकों को मदद दी जाएगी।'

दिसाले ने कहा कि इसके पहले इस पुरस्कार के लिए भारत से एक अथवा दो अध्यापक टॉप 10 में जगह बनाते थे लेकिन अब तक किसी ने भी इस पुरस्कार को जीता नहीं था। उन्होंने कहा, 'मैं यह कामयाबी अपने छात्रों की वजह से पा सका हूं। मैं सोशल डिस्टैंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनके साथ रविवार को खुशिया मनाऊंगा।'

दिसाले की आगे की योजना अपने 'लेट अस क्रास द बॉर्डर्स' की फंडिंग करने की भी है। उनकी यह योजना भारत, पाकिस्तान, फिलिस्तीन एवं इजरायल, इराक एवं ईरान, अमेरिका एवं उत्तर कोरिया के युवा लोगों को एक साथ जोड़ती है। इस पुरस्कार के लिए पिछले महीने दुनिया भर से 10 शिक्षकों का चयन हुआ। लंदन में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में तीन दिसंबर को दिसाले को विजेता घोषित किया गया। यह पुरस्कार यूनेस्को की पार्टनरशिप के साथ वार्की फाउंडेशन की ओर से दिया जाएगा।   

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