देश भर के सवा लाख स्कूलों के छात्रों की क्षमता की होगी जांच, देखें शिक्षा मंत्रालय की नई घोषणा

एजुकेशन
आईएएनएस
Updated Nov 08, 2021 | 15:09 IST

भारत के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कक्षा तीन, पांच, आठ और दसवीं के अंत में क्या क्या जानते हैं और क्या कर सकते हैं, इसका पता लगाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देश भर के करीब सवा लाख स्कूलों के छात्रों की इस क्षमता का पता लगाने जा रहा है। देश भर के छात्रों की उपलब्धि जानने के लिए मंत्रालय राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की मदद लेगा...

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देश भर के सवा लाख स्कूलों के छात्रों की क्षमता की होगी जांच 
मुख्य बातें
  • देश भर के करीब सवा लाख स्कूलों के छात्रों की क्षमता की होगी जांच
  • कोरोना महामारी के दौरान छात्रों की सीखने की क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ा है, इसका भी लगाया जाएगा पता
  • यह सर्वेक्षण देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जा रहा है।

भारत के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कक्षा तीन, पांच, आठ और दसवीं के अंत में क्या क्या जानते हैं और क्या कर सकते हैं, इसका पता लगाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देश भर के करीब सवा लाख स्कूलों के छात्रों की इस क्षमता का पता लगाने जा रहा है। देश भर के छात्रों की उपलब्धि जानने के लिए मंत्रालय राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की मदद लेगा।

कोरोना महामारी के प्रभाव का भी लगाया जाएगा पता

इस सर्वेक्षण अभियान से पता लग सकेगा कि कोरोना महामारी के दौरान छात्रों की सीखने की क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ा है। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम, सीखने की क्षमता को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे ही कई अन्य विषयों की जानकारी इस सर्वेक्षण के माध्यम से मिल सकेगी।

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) छात्रों की सीखने की उपलब्धि का आकलन करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का एक राष्ट्रव्यापी, नमूना-आधारित सर्वेक्षण है। 12 नवंबर, 2021 से देशभर में 733 जिलों के 1.23 लाख स्कूल इस सर्वेक्षण में भाग ले सकेंगे। यह सर्वेक्षण देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जा रहा है।

जांची जाएगी छात्रों की सीखने की क्षमता

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएएस 2021 का उद्देश्य संबंधित कक्षाओं में छात्रों के सीखने के परिणामों को जानना है। छात्रों की सीखने की क्षमता को मापकर यह पता लगाया जाएगा कि कक्षा तीन, पांच, आठ और दसवीं के अंत में छात्र क्या जानते हैं और क्या कर सकते हैं। यह सर्वेक्षण सीखने की इस पूरी प्रक्रिया का एक स्नैपशॉट प्रदान करेगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इससे नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में भविष्य की प्रगति को ट्रैक करने में भी मदद मिलेगी। यह पूरा अभियान एनसीईआरटी द्वारा शुरू किया जा रहा है।

एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव कह चुके हैं कि एनसीईआरटी आमने-सामने और ऑनलाइन मोड में अनुसंधान, पाठ्यक्रम के विकास, पाठ्यक्रम, पाठ्य और प्रशिक्षण सामग्री के क्षेत्रों पर काम कर रहा है।

इससे पहले एनएएस 2017 के तहत 3,5 और 8वीं कक्षा के बच्चों का भाषा, गणित, ईवीएस, विज्ञान और सामाजिक जैसे विभिन्न विषय क्षेत्रों में आकलन किया गया।

2018 में भी हो चुका है इस तरह का सर्वे

इसी प्रकार 5 फरवरी, 2018 को पूरे देश में दसवीं कक्षा के लिए सर्वेक्षण किया गया था। सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में 15 लाख छात्रों के सीखने के स्तर का 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 610 जिलों में आकलन किया गया। इसमें अंग्रेजी, गणित समेत 5 विषय में मूल्यांकन किया गया था।

एनसीईआरटी की महत्वपूर्ण पहलों में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के माध्यम से छात्रों का मूल्यांकन शामिल है। सीखने के परिणामों का विकास, स्कूली शिक्षा के सभी चरणों के लिए सभी विषय क्षेत्रों में ई-सामग्री तैयार करना। एक अन्य मील के पत्थर में ईसीसीई पाठ्यक्रम और दिशानिर्देशों का विकास शामिल है।

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