नई दिल्ली: देश में नौकरियों (Job) की समस्या कितनी बड़ी है ये किसी से छिपा नहीं है, जॉब के लिए युवाओं को कितनी जगह धक्के खाने पड़ते हैं साथ ही उन्हें नौकरियों के लिए एक्जाम देने अलग अलग स्थानों पर जाना पड़ता है। मोदी सरकार ने इसका समाधान निकाला है और आज हुई कैबिनेट मीटिंग में नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (National Recruitment Agency) के गठन को हरी झंडी दे दी है, इससे नौकरी तलाश रहे युवा वर्ग को खासी राहत मिलेगी।
मोदी कैबिनेट के अहम फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया किनौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। कई भर्ती एजेंसियां हैं, ऐसे में हर एजेंसी के लिए परीक्षा देने के लिए कई जगह जाना पड़ता है। उन्होंने कहा, 'अब नैशनल रिक्रूटमेंट एंजेसी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी। इससे करोड़ों युवाओं को लाभ मिलेगा।'
सरकारी भर्ती परीक्षाओं के कार्यक्रम, आवेदन प्रक्रिया और शुल्क अलग-अलग होते हैं जिससे कई बार गलतियां होती हैं; ग्रामीण, महिलाओं और दिव्यांगों को परेशानी होती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए कैबिनेट द्वारा NationalRecruitmentAgency स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। ग्रुप बी और ग्रुप सी के 1.25 लाख से अधिक पदों के लिए हर साल ढाई से तीन करोड़ लोग परीक्षा देते हैं। ये परीक्षाएं आईपीबीएस, एएसी और आरआरबी के जरिए होती है। अब ये अलग-अलग परीक्षाएं एक ही होंगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा आज नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती है, यह सब समाप्त करने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (CET) लेगी, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश में करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं, ये सब समाप्त करते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
जावड़ेकर ने कहा कि युवाओं की तरफ से यह सालों से मांग उठ रही थी, लेकिन यह नहीं हो रहा था। अब नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठने से उनकी परेशानी दूर होगी, उनका पैसा भी बचेगा और मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। बहुत दौड़-धूप नहीं करनी होगी और एक ही परीक्षा से युवाओं को आगे जाने का मौका मिलेगा।