नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अनुसूचित वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक सरकार इस वर्ग से आने वाले बच्चों की पढ़ाई पर अब पहले की तुलना में हर साल पांच गुना अधिक धनराशि खर्च करेगी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक हुई जिसमें अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए 'अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)' की केंद्र प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की गई। इसका लक्ष्य है कि ये छात्र वे अपनी उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें।
मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है जिसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये (60 प्रतिशत) खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी। इस महत्वपूर्ण स्कीम में केंद्र सरकार की भागीदारी अधिक होगी।इस योजना से अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षा 11 वीं से शुरू होने वाले मैट्रिक के बाद के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रखने में मदद मिली है। इस योजना में सरकार शिक्षा की लागत का वहन करती है।
विशेषताएं
केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 1100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी, उसे वर्ष 2020-21 से 2025-26 के दौरान 5 गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग 6,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया जाएगा।