मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी MPBSE ने 10वीं के नतीजे घोषित कर दिया है। इस साल 62.84 फीसद(mp board 10th mulyankan 2020) छात्र कामयाब हुए हैं। यहां हम आपको पास होने के लिए न्यूनतम मार्क्स( passing crieteria) और पिछले साल के टॉपर के बारे में बताएंगे। 1 मार्च से 27 मार्च तक चलने वाली परीक्षा में करीब साढ़े 11 लाख छात्र शामिल हुए थे। कोरोना महामारी की वजह से पहले 10वीं के दो पश्नपत्रों को टाला गया और बाद में खारिज कर दिया गया। यहां पर आप चेक कर सकते हैं कि इस साल पास होने के लिए कितना फीसद मार्क्स जरूरी है इसके साथ ही पिछले साल का पास परसेंटेज( Pass percentage) और कौन लोग टॉपर( last year toppers) रहे।
एमपी बोर्ड रिजल्ट 2020 पासिंग क्राइटेरिया और निरस्त प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन
किसी भी छात्र को थ्योरी के पेपर में कुल 80 में से 27 नंबर पाना जरूरी होगा। शेष 20 नंबर का मूल्यांकन प्रैक्टिल और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर किया जाएगा। इस तरह से किसी भी छात्र को किसी भी संबंधित विषय में परीक्षा पास करने के लिए 33 फीसद अंकों की जरूरत होगी। 2018 में एमपीबीएसई ने बेस्ट फाइव की नीति को अमल में लाया था। इसके तहत परीक्षार्थी को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था लेकिन 6 विषयों में से पांच विषयों में पास होना जरूरी था।
2020 में बेस्ट तीन पेपर पर अमल किया जा रहा है कि क्योंकि 2 विषयों की परीक्षा कोरोना महामारी की वजह से संपन्न नहीं हो सकी। इसका अर्थ यह है कि अगर कोई छात्र तीन विषय में पास होगा तो वो अगली क्लास में दाखिला ले सकेगा। अगर कोई छात्र किसी एक विषय में फेल होता है तो उसे तीन विषयों के अंकों के आधार पर उसे पास माना जाएगा। जो पेपर निरस्त किए गए हैं उनका मूल्यांकन जिस पेपर में सर्वाधिक नंबर छात्र को हासिल है उसे आधार बनाया जाएगा। और इस तरह से छात्र के लिए पास क्राइटएरिया का आधार बनेगा।