नई दिल्ली. मिनी अग्रवाल के पैर बचपन से ही मुड़े हुए थे। इसके बाद उन्हें आठ साल पलंग पर ही रहना पड़ा। मिनी की जिंदगी एक कमरे में सिमट कर रह गई थी। इन सभी के बावजूद उनका हौंसला नहीं टूटा। मिनी अग्रवाल ने MPPSC की परीक्षा को एक नहीं तीन बार क्रैक किया है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली मिनी अग्रवाल ने MPPSC 2018 में फिजिकली हैंडीकैप केटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया। दिल्ली नॉलेज ट्रैक से बातचीत में मिनी ने बताया कि, " मैं जब पैदा हुई थी तब मैं नॉर्मल बच्चों से काफी अलग थीं। 12 साल की उम्र में मेरा पहला ऑपरेशन हुआ। इसके बाद मेरे चार बड़े ऑपरेशन हुए हैं।"
मिनी अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहती हैं कि-"12 साल से 20 साल की उम्र तक मैं बिस्तर में ही रही थीं। कई बार दर्द में लगता है कि आप मर जाओ। आप कब तक इन चीजों को झेलते हुए जिंदगी आगे बढ़ाओगे।"
मेरे सपने थे बड़े
मिनी बताती हैं कि, "मेरे हमेशा से ही बड़े सपने थे। इसके अलावा, मेरी फैमिली ने भी मुझे सपोर्ट किया था। इसके बाद मैंने पब्लिक सर्विस कमिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। 2012 में मैंने पहला अटेंप्ट दिया था। 2013 में मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ।
मिनी बताती हैं कि उन्होंने दोबारा मेहनती की और साल 2014 में उनका सिलेक्शन बतौर लेबर ऑफिसर हुआ। इसके बाद मैंने 2016 में मैंने एक बार फिर से एमपीपीएससी में सफलता हासिल की। इस बार मैं असिस्टेंट डायरेक्टर इंडस्ट्रीज के तौर पर सिलेक्ट हुई।
ऐसे करें मुश्किलों का सामना
मिनी कैंडिडेट्स को टिप्स देते हुए कहती हैं कि, " जब आप किसी चीज को अपने तीन-चार साल दे देते हैं। इसके बावजूद आपका सिलेकशन नहीं होता है तो वह सबसे खराब लम्हा होता है। ऐसे में बस हार नहीं मानें। आपने मेहनत और कोशिश की है तो आपको जरूर सफलता मिलेगी।"
बकौल मिनी, " सबसे जरूरी होता है खुद पर विश्वास। ये कभी भी मत सोचिए कि आपके बारे में लोग क्या कहते हैं। ये आपकी जिंदगी है, ये केवल आपको तय करना है कि आपको अपनी जिंदगी के साथ क्या करना है।"