NEET Result 2020 :नीट परीक्षा के परिणामों की घोषणा कर दी गई है। इस परीक्षा को कोरोना की वजह से विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया गया था। मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुई राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा 13 सितंबर को किया गया था, जिसमें 14.37 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। अब एनटीए ने आज (शुक्रवार, 16 अक्टूबर) इस परीक्षा के परिणाम जारी किए हैं, जिसे एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट्स nta.ac.in, ntaneet.nic.in पर देखा जा सकता है।
नीट के एक विशेष चरण का आयोजन 14 अक्टूबर को किया गया, जिसमें देशभर के वे छात्र शामिल हुए, जो इससे पहले सितंबर में हुई परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे। इसका आयोजन मुख्य रूप से कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित और निरुद्ध क्षेत्रों के छात्रों के लिए किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर विशेष परिस्थितियों में यह परीक्षा आयोजित करने के अनुरोध को स्वीकृति प्रदान की थी। दोनों चरणों में हुई परीक्षाओं के परिणाम आज ही जारी किए गए हैं, जिसे एनटीए की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
नीट के परिणाम एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर देखे जा सकते हैं। इसके लिए छात्रों के पास उनके प्रवेश पत्र पर अंकित रोल नंबर होना जरूरी है, जिसकी जानकारी वेबसाइट पर दर्ज कर वे अपना स्कोर कार्ड देख सकते हैं। नीट रिजल्ट देखने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:
यहां उल्लेखनीय है कि MBBS/BSD पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए उम्मीदवारों का नीट में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके लिए छात्रों को कम से कम 50 पर्सेंटाइल होना आवश्यक है। एससी/एसटी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अर्हता 40 पर्सेंटाइल है, जबकि PwD अभ्यर्थियों के लिए यह 45 पर्सेंटाइल है। मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए यह आवश्यक है।
नीट का आयोजन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देरी से हुआ। 13 सितंबर को परीक्षा के आयोजन से पहले इसे दो बार स्थगित किया गया। पहले यह परीक्षा तीन मई को होनी थी, लेकिन उस समय इसे 26 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया। इसके बाद इसे एक बार फिर टाला गया, जिसके बाद 13 सितंबर को परीक्षा का आयोजन हुआ।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इसे स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दी गई थी, पर शीर्ष अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के जीवन को लंबे समय तक प्रभावित नहीं किया जा सकता।