नई दिल्ली : नेशनल मेडिकल कमीशन एवं डेंटल कमीशन ऑफ इंडिया ने पाकिस्तान जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दोनों संस्थाओं की ओर से मंगलवार को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि ऐसे छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए पाकिस्तान जाना चाहते हैं, वे अभी इस पड़ोसी देश की यात्रा न करें। यूजीसी ने कुछ दिनों पहले छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी किया है।
पाक जाकर पढ़ाई न करें छात्र
बयान के मुताबिक, 'मेडिकल/डेंटल की पढ़ाई करने वाले सभी संबंधित छात्रों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। कोई भी भारतीय नागरिक/ प्रवासी भारतीय जो पाकिस्तान के किसी मेडिकल कॉलेज से मडिकल की पढ़ाई करने का इरादा रखता है तो उसे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन स्क्रीनिंग टेस्ट में बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी।'
गृह मंत्रालय की इजाजत के बाद ले सकते हैं दाखिला
बयान में आगे कहा गया है, 'यद्यपि, शरणार्थी एवं उनके बच्चे जिन्होंने पाकिस्तान से मेडिकल डिग्री अथवा उच्च शिक्षा प्राप्त की है और जिन्हें भारत की नागरिकता मिली है, वे एफएमजीई/नेशनल एग्जिट टेस्ट में बैठने के पात्र होंगे। ऐसे लोग गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद भारत में रोजगार पाने के हकदार भी माने जाएंगे।'
इन्हें मिलेगी छूट
हालांकि ये नया नियम दिसंबर 2018 से पहले पाकिस्तान से डिग्री हासिल कर चुके छात्रों पर लागू नहीं होगा। यही नहीं, दिसंबर 2018 के बाद से जिन छात्रों ने गृह मंत्रालय की इजाजत के बाद पाकिस्तान के संस्थानों में दाखिला लिया होगा, उन पर भी ये नया नियम लागू नहीं होगा। हाल ही में यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने भी एक बयान जारी कर युवाओं को सलाह दी है कि वे उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान नहीं जाएं। अगर वे ऐसा करते हैं तो भारत में उनकी डिग्री मान्य नहीं होगी। उन्हें पाकिस्तान में किए गए कोर्स के आधार पर भारत में नौकरी नहीं मिलेगी।
दरअसल, खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र आईएसआई के चंगुल में फंस जाते हैं। फिर इन छात्रों का ब्रेनवॉश कर उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उकसाया जाता है।